मिर्च की खेती | hindi मिर्च की उन्नत तकनीक 2024

मिर्च की खेती | hindi पूरे भारतवर्ष में की जाती है इस पोस्ट में हम आपको मिर्च उत्पादन की उन्नत तकनीक के बारे में बताएंगे इसकी खेती से लगभग 90 हजार से ₹ 1लाख रूपए हेक्टेयर आमदनी होती है।

मिर्च में कड़वापन कैप्सेसिन नामक तत्व के कारण होता है मिर्च के द्वारा अनेक प्रकार की दवाइयां बनाई जाती है जो कैंसर रोधी और दर्द को दूर करने के काम आती है इसका प्रयोग खून को पतला करने के लिए भी किया जाता है।

आप मिर्च की खेती करके अधिक उत्पादन ले सकते हैं मिर्च की खेती कब और कैसे करनी है इस आर्टिकल में आपको सब कुछ बहुत अच्छे से समझाया गया है इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़े और पोस्ट अच्छा लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

परिचय

मिर्च की खेती | hindi भारतवर्ष की एक प्रमुख फसल है यह मसाले आचार एवं सब्जी आदि के लिए उपयोग की जाती है इसकी खेती वैसे तो पूरे भारतवर्ष के सभी स्थानों पर की जाती है लेकिन दक्षिणी भारत जैसे आंध्र प्रदेश कर्नाटक महाराष्ट्र तमिलनाडु में इसकी खेती मुख्य रूप से की जाती है |

इसके साथ ही बिहार मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश पंजाब में भी खेती बड़े क्षेत्रफल में की जाती है मिर्च की खेती अधिकतर उष्णकटिबंधीय भागों में की जाती है जिसका मूल स्थान उत्पत्ति दक्षिणी अमेरिका या ब्राज़ील माना जाता है।

हरी मिर्च की तासीर

हरी मिर्च की तासीर ठंडी होती है जबकि काली मिर्च की तासीर गर्म होती है यह मस्तिक को भी ठंडा करती है और पेट में बनने वाली गर्मी को दूर करती है।

भूमि

मिर्च की खेती | hindi के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट मिट्टी मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त होती है बलुई दोमट भूमि में इसकी खेती की जा सकती है अम्लीय भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती है 5 से 6 जुताई करके एवं पाठ लगाकर भूमि को समतल करके भुरभुरा बनाकर रोपाई के लिए तैयार कर देते हैं।

मिर्च की नर्सरी

अगर आप नर्सरी से मिर्च की पौध तैयार करना चाहते हैं तो आपको किसी अच्छे हाइब्रिड मिर्च के बीज की नर्सरी को डालना चाहिए नर्सरी लगाने के लगभग 30 से 35 दिन बाद पौधों की रोपाई कर देते हैं।

मिर्च में सिंचाई

प्रथम सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए इसके बाद 5 से 7 दिन के अंतराल पर मिट्टी में नमी की स्थिति और मौसम के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए सर्दी में 10 से 14 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

हरी मिर्च की खेती का समय

मिर्च की खेती | hindi का उपयुक्त समय खरीफ के लिए जुलाई से अक्टूबर में तैयार की जाती है और रोपाई जून से जुलाई में की जाती है शरद ऋतु की फसल के लिए रोपाई सितंबर और अक्टूबर में की जाती है तथा ग्रीष्मकालीन फसल की रोपाई फरवरी से मार्च तक की जाती है।

गर्मी में मिर्च की खेती

अगर आप गर्मी के मौसम में मिर्च की खेती करना चाहते हैं तो आपको फरवरी-मार्च में बीज की बुवाई कर देनी चाहिए मिर्च के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है इसलिए गर्मी वाले क्षेत्र में मिर्च की अच्छी पैदावार की जा सकती है मिर्च पाले को सहन नहीं कर पाती हैं अतः सामान्य रूप से मिर्ची के लिए 20 से 29 डिग्री सेंटीग्रेड तक का तापक्रम होना चाहिए।

अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में से खेती नहीं की जा सकती है क्योंकि अधिक पानी से पौधे की वृद्धि रुक जाती है उच्च तापक्रम वाले स्थानों पर इसकी खेती आसानी से की जा सकती है गर्मी वाले क्षेत्रों के लिए मिर्च की रोपाई की कतार की दूरी 60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और पौधे से पौधे की बीच की दूरी 45 सेंटीमीटर की होनी चाहिए जो गर्मी के क्षेत्रों में मिर्च की पैदावार को बढ़ा देते हैं।

मिर्च में सिंचाई

मिर्च की खेती | hindi में प्रथम सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए इसके बाद 5 से 7 दिन के अंतराल पर मिट्टी में नमी की स्थिति और मौसम के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए सर्दी में 10 से 14 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए।

मिर्च के बीज की मात्रा

हरी मिर्च की खेती की रोपाई करने के लिए 1 से 2 किलो बीज (जाति के अनुसार) की आवश्यकता होती है।

खाद एवं उर्वरक

मिर्च की खेती | hindi की अच्छी पैदावार लेने के लिए गोबर की खाद 250 कुंटल /हैक्टर 80 से 100 किलोग्राम नत्रजन 50 से 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 50 से 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टर सामान्य रूप से देनी आवश्यक होती है गोबर की खाद 250 कुंटल /हैक्टर असिचित क्षेत्रफल के लिए तथा 500 कुंटल /हैक्टर सिंचित फसल के लिए प्रयोग करना चाहिए।

हरी मिर्च की तोड़ाई

हरी मिर्च की खेती में महत्वपूर्ण क्रिया मिर्च की तुड़ाई होती है यह उगाए जाने वाले उद्देश्य पर निर्भर करती है कभी यह ताजे हरे अवस्था में तोड़ी जाती है तो कभी लाल अवस्था में तोड़ी जाती है सुखाने के लिए मिर्च की तुडाई उस समय की जाती है जब पूर्ण रूप से पक्का लाल हो जाती है।

मिर्च की उपज

हरी मिर्च की पैदावार 500 से 1000 किलोग्राम सूखी मिर्च प्रति हैक्टर होती है जबकि सिंचित फसल की पैदावार 15100 से 2500 किलो प्रति हैक्टर होती है हरी मिर्च की उपज सूखी मिर्च की उपज की अपेक्षा 3 से 4 गुना अधिक होती है।

मिर्च का भंडारण

हरी मिर्च जहां तक हो सके तुरंत बेच देनी चाहिए हरी मिर्च 7 डिग्री सेंटीग्रेड पर सुरक्षित राखी जा सकती है 85 से 90% आर्द्रता होनी चाहिए जबकि सुखी लाल मिर्च अधिक समय तक सुरक्षित रहती है।

निष्कर्ष

हम आशा करते हैं कि आपके समक्ष प्रस्तुत किए गये लेख मिर्च की खेती | hindi की उन्नत तकनीक 2024 जानकारी को पढ़ने के बाद आपको अच्छी लगी होगी अच्छी लगी हो तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा जरूर करें और साथ ही अपने सुझाव विचार या खेती से जुड़ी किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले खेतीबाड़ी से जुड़ी इस प्रकार की रोचक लाभकारी पोस्ट पढ़ने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट agriculturetree.com जरूर विजिट करें, धन्यवाद।

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