भिंडी की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका – Bhindi ki kheti kaise kare

Bhindi ki kheti: भिंडी की फसल सालभर उगाई जा सकती है यह मालवेसी परिवार का पौधा है भिंडी गर्म मौसम की फसल है इसके अंकुरण के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त होता है अधिक वर्षा भिंडी की फसल के लिए अच्छी नहीं होती है.

भिंडी का जन्मस्थान अफ्रीका बताया जाता है वहां पर इसकी खेती अमेरिका की खोज से पहले ही की जाती थी इसका जन्म स्थान भारत भी माना जाता है क्योंकि भारत में यह जंगली रूप में पाई जाती है.

भारत में यह पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, आसाम में सर्वाधिक रूप से पैदा की जाती है उड़ीसा में यह सबसे अधिक क्षेत्र में उगाई जाती है लेकिन पैदावार पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक होती है.

Bhindi ki kheti kaise kare

हेलो दोस्तों आज हम आपको Bhindi ki kheti kaise kare के बारे में बताने जा रहे हैं इस जानकारी को पढ़ने के बाद आप अपनी भिंडी की खेती की पैदावार को बहुत आसानी से बढ़ा सकते हैं इसके लिए आपको आर्टिकल को लास्ट तक ध्यान से पढ़ना होगा तो आइए जानते हैं.

सब्जियों में भिंडी का प्रमुख स्थान आता है इसको लोग लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी पुकारते हैं भिंडी की कई उन्नत किस्में भी विकसित हो चुकी है जिसका प्रयोग करके किसान ज्यादा से ज्यादा पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.

भिंडी के लिए जलवायु

( Bhindi ki kheti ) एक गर्म मौसम को चाहने वाली फसल है किंतु यह पाला को सहन नहीं कर पाती है हिंदी का भी 20 डिग्री सेंटीग्रेड के नीचे के तापमान पर नहीं अंकुरित होता है इसके अंकुरण होने के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त होता है.

परंतु ध्यान देकर गर्मी में 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान इसकी खेती के लिए नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि इस तापमान पर इसके खून गिरने लगते हैं जिसकी वजह से उपज में कमी आ जाती है ठंडी जगह पर भिंडी की खेती नहीं होती है. क्योंकि कम तापमान पर इसके बीजों का अंकुरण नहीं होता है.

भूमि

( Bhindi ki kheti ) सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है लेकिन इसकी अच्छी खेती करने के लिए अच्छे जल निकास वाली भुरभुरी एवं कार्बनिक पदार्थ से युक्त दोमट भूमि उपयुक्त होती है.

इसकी खेती के लिए उचित पीएच मान 6.0 से 6.8 होना चाहिए भिंडी की खेती करने से पहले एक बार मिट्टी की जांच जरूर करा लेनी चाहिए |

पहली बार बीकानेर में लाल भिंडी की खेती

भिंडी की उन्नत किस्में

आई ए आर आई, द्वारा विकसित हिंदी की प्रजातियां

  •  पूसा मखमली
  • पूसा सवानी
  • पर्किन्स लोंग ग्रीन
  • पूसा ए – 4

भिंडी की उन्नतशील प्रजातियां

  • पंजाब पद्मनी
  • कल्याणपुर 1,2, 3, 4,
  • कोयंबटूर-1
  • आई आई एच आर 20-31

अन्य प्रजातियां

  • लखनऊ ड्रॉप
  • कल्याणपुर टी 1,2,3,4
  • लंबी सफेद
  • पूसा सिलेक्शन 1,2,3
  • वैशाली वधू
  • पंजाब-7
  • परभणी क्रांति
  • बदनाबर
  • लाम हाइब्रिड
  • आई आई एच आर – 4
  • आई आई एच आर – 10
  • आजाद भिंडी- 2

भिंडी की खेती का समय

भिंडी की बुवाई करने का उचित समय की बात करें तो ग्रीष्मकालीन भिंडी की बुवाई करने के लिए जनवरी से मार्च तक की जाती है  अगर वर्षा ऋतु की बात करें तो जून से जुलाई में इसकी बुवाई सफलतापूर्वक की जा सकती है.

और पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भिंडी की बुवाई अप्रैल से जुलाई के महीनों में करते हैं ग्रीष्म ऋतु की फसल के बीजों को बोने से पहले से पहले पानी में 24 घंटे तक भिगोकर रखना चाहिए और दूरी को कम रखना चाहिए |

बीज की मात्रा

( Bhindi ki kheti ) में बुवाई करने के लिए मौसम के अनुसार बीज की मात्रा का प्रयोग किया जाता है ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए 18 से 20 किलो बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त रहता है और वर्षा ऋतु के लिए भिंडी का बीज लगभग 10 से 12 किलो प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है.

इसके बीजों को बोने से पहले करीब 24 घंटे तक पानी में डुबोकर रखना चाहिए जिससे बीजों का अंकुरण जल्दी और ज्यादा संख्या में होता है भिंडी के बीजों को थायरम या कार्बेंडाजिम से भी उपचारित करना चाहिए।

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भिंडी का बीज कैसे लगाएं

भिंडी की बुवाई कतार में की जानी चाहिए बुवाई करते समय कुछ ध्यान रखने योग्य बातें-दीवान जी

ग्रीष्म ऋतु के लिए लाइन से लाइन की दूरी 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।

वर्षा ऋतु की फसल के लिए लाइन से लाइन की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए |

भिंडी का फसल चक्र

  1. भिंडी – मटर – प्याज
  2. भिंडी – मटर – मिरज
  3. भिंडी – आलू – राजमा
  4. ग्वार – मटर – भिंडी
  5. भिंडी – फूलगोभी – गवार
  6. भिंडी – मूली – प्याज
  7. लोबिया – मटर – भिंडी
  8. बैंगन – भिंडी

भिंडी में उर्वरक प्रबंधन

एक सामान्य फसल से अच्छी उपज लेने के लिए 80 से 100 किलोग्राम नत्रजन 50 से 7 किलोग्राम फास्फोरस 50 से 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है.

नत्रजन की आधी मात्रा बोते समय देनी चाहिए तथा शेष आधी मात्रा को दो बार में बोने के एक महीने बाद देनी चाहिए तथा दूसरी फूल आने के समय टॉप ड्रेसिंग के रूप में देना चाहिए।

( Bhindi ki kheti ) की अच्छी फसल के लिए 30 टन गोबर की सड़ी हुई खाद बोने से लगभग 2 सप्ताह पहले मिट्टी में अच्छी प्रकार से मिला देना चाहिए |

इसके बाद 300 किलो अमोनियम सल्फेट 350 किलो सुपर फास्फेट तथा 125 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश बुवाई से पहले कूडो में डाल देना चाहिए और एक महीने बाद 300 किलो अमोनियम सल्फेट से टॉप ड्रेसिंग भी करनी चाहिए |

भिंडी की सिंचाई

भिंडी की बुवाई करते समय यदि खेत में नमी नहीं हो तो एक हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए क्योंकि नमी में भिंडी के बीज का अंकुरण अच्छा होता है गर्मियों में 1 सप्ताह के अंतराल पर भिंडी में सिंचाई करते रहना चाहिए और वर्षा ऋतु में जब पानी की जरूरत हो तभी सिंचाई करनी चाहिए |

खरपतवार नियंत्रण के उपाय

भिंडी की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए खरपतवार नियंत्रण करना बहुत आवश्यक होता है बुवाई के लगभग 20 से 25 दिन बाद प्रथम निराई गुड़ाई की जानी चाहिए वर्षा ऋतु की फसल में मिट्टी भी चढ़ा देनी चाहिए |

भिंडी की तुड़ाई का समय

भिंडी की फसल बुवाई के लगभग 70 से 80 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है भिंडी की प्रथम फली बनने के बाद प्रत्येक दूसरे तीसरे दिन फलियों की कटाई की जानी चाहिए फलों की तोड़ाई

सुबह और शाम के समय में करनी चाहिए तुड़ाई में देरी करने पर फलियों के अंदर रेशा भर जाता है जिसके कारण इसके स्वाद में कमी आ जाती है और बाजार में सही दाम नहीं मिल पाते है |

भिंडी के बीज का उत्पादन

यदि आप भिंडी के बीजों का उत्पादन करना चाहते हैं तो यह कार्य आपको वर्षा ऋतु में करना चाहिए जिसमें बीजों की पैदावार 10 से 12 कुंटल प्रति हेक्टेयर हो जाती है |

इस प्रक्रिया में बीज पैदा करने वाले फलों को पौधों पर भी छोड़ देते हैं और जब फलिया पक जाती है तथा उनमें दरारें पड़ जाती है तत्पश्चात फलियों को तोड़कर उनके बीज निकाल लेते हैं.

भिंडी की खेती से कमाई

ग्रीष्म ऋतु की फसल से भिंडी की पैदावार 50 से 55 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो जाती है तथा वर्षा ऋतु की फसल से लगभग 100 से 120 कुंटल उपज प्रति हेक्टर प्राप्त हो जाती है.

पूसा सवानी किस्म आई ए आर आई, नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है यह किस्म ग्रीष्म ऋतु और वर्षा ऋतु दोनों प्रकार के मौसम में ( Bhindi ki kheti ) उगाई जा सकती है.

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भिंडी की खेती से संबंधित FAQ

प्रश्न – भिंडी किस महीने में लगानी चाहिए?

उत्तर – भिंडी की ग्रीष्म ऋतु फरवरी से मार्च के महीने में लगाई जाती है जबकि वर्षा ऋतु की बुवाई जून से जुलाई में लगाई जाती है |

प्रश्न – भिंडी की खेती कितने दिनों में फल देने लगती है?

उत्तर – भिंडी की खेती लगभग 15 से 20 दिन बाद फल देना शुरू कर देती है भिंडीकी पहली तोड़ाई 45 दिन के बाद करनी चाहिए |

प्रश्न – भिंडी के बीज का रेट?

उत्तर – भिंडी के हाइब्रिड बीज का रेट लगभग 1500 रुपए / प्रति 1 किलोग्राम  होता है |

प्रश्न – भिंडी की खेती से कमाई?

उत्तर – एक हेक्टेयर भिंडी की खेती में लगभग ₹2 लाख की लागत आती है और पैदावार लगभग 60 से 70 कुंटल प्रति हेक्टेयर हो जाती है जिसको बेचकर आसानी से करीबन 4 से ₹5 लाख की कमाई होती है |

प्रश्न – 1 एकड़ की बुवाई के लिए कितना बीज लेना चाहिए?

उत्तर – 1 एकड़ में भिंडी की खेती करने के लिए लगभग 4 – 5 किलो बीज की आवश्यकता होती है.
निष्कर्ष : –

हम आशा करते हैं कि आपके लिए समक्ष प्रस्तुत किए गए लेख भिंडी की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका – Bhindi ki kheti kaise kare जानकारी को पढ़ने के बादआपको बहुत लाभ होगा अगर यह पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने मित्र जनों के साथ जरूर साझा करें और अपने सुझाव विचार या खेती से जुड़े किसी भी प्रकार के प्रश्न को हम से पूछना ना भूले और हमारा निवेदन है इस प्रकार की रोचक और लाभकारी जानकारी पढ़ने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट agriculturetree.com विजिट जरूर करें {जय जवान जय किसान}

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