नमस्कार किसान भाइयों आज हम आपको ऐसी फसल (Bans Ki Kheti) के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके द्वारा एक किसान सालाना 10 लाख रुपए की कमाई कर रहा है यह किस भारत के बिहार राज्य में सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत आने वाले एक छोटे से गांव में रहने वाले युवा है जो अपने खेतों में अन्य फसल की जगह बांस की खेती करके लाखों रुपए कमा रहे हैं उन्होंने बताया कि यह एक बार बुवाई करने के बाद लगभग 25 से 30 साल तक यह कमाई देती रहती है।
बांस की खेती करना एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है जो आपकी आय का अच्छा स्रोत बन सकता है क्योंकि बांस एक बहुमुखी पौधा है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादक तैयार करने में किया जाता है।
बांस के उपयोग से फर्नीचर के समान लिखने के लिए कागज और कपड़े जैसे निर्माण सामग्री भी बनाई जाती है खेती करने में कम खर्च आता है और कमाई अधिक होती है इसलिए किसान इसको ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
बिहार में Bans Ki Kheti
बिहार के किसान दिन प्रतिदिन कृषि के क्षेत्र में नई उपलब्धि को हासिल कर रहे हैं ऐसे ही एक किसान है जिनका नाम डब्लू यादव है जो बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले में रहने वाले एक छोटे से गांव के निवासी है जिन्होंने अपनी खेती में अन्य फसल ना उगाकर बांस की खेती करके उससे कम खर्चे में अधिक मुनाफा ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि बांस की खेती (Bans Ki Kheti) की एक बार बुवाई करने के बाद 25 से 30 साल तक कमाई देती रहती है इसलिए यह खेती बहुत फायदेमंद होती है इस खेती में आपकी जितनी लागत लगती है उसकी डबल आपको कमाई होती है इसकी खेती करने से पहले आपको इसकी पूरी जानकारी होनी आवश्यक है इसके बाद आप इसकी बेहतर खेती करके लाखों रुपए कमा सकते हैं।
डब्लू यादव ने आगे बताया कि वह मुख्य रूप से हरऊती और चाभ बांस की खेती करते हैं इन्हीं दो प्रजाति की खेती वह तीन एकड़ में कर रहे हैं जिससे उन्हें प्रतिवर्ष 8 से 10 लाख की कमाई हो रही है। उन्होंने बताया कि बाजार में बांस की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसलिए यह किसानों के लिए आने वाले समय में मुनाफे का सौदा हो सकती है।
डब्लू यादव जी बताते हैं कि वह असम नौकरी करने गए थे वहां उन्होंने देखा की बहुत बड़े क्षेत्र पर असम के किसान बांस की खेती करके लाखों रुपए कमा रहे हैं वहीं से उन्हें बांस की खेती (Bans Ki Kheti) करने का मन हुआ। वहां पर दूसरे राज्यों से व्यापारी आते हैं और ट्रक और और गाड़ी द्वारा बस भर कर बांस ले जाते हैं।
डब्लू यादव ने व्यापारियों से बात की और बांस की खेती (Bans Ki Kheti) के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि वह बिहार से भी बांस खरीद कर लाते हैं तो डब्लू यादव ने बांस की खेती करने का निश्चय कर लिया और उन्होंने जानकारी इकट्ठा करके बांस की खेती शुरू कर दी।
उन्होंने व्यापारियों से उनका नंबर ले लिया और असम में नौकरी करने के बजाय 2018 में ही वह घर आ गए और बांस की खेती शुरू कर दी 3 एकड़ में वह बांस की खेती की बुवाई कर रहे हैं इसके 3 साल बाद उन्हें बस की खेती से कमाई होने लगी अब वह बांस की खेती से अपना व्यापार चला रहे हैं जिससे उन्हें कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा हो रहा है।
बांस की खेती से कमाई
1 साल में दो बार बांस को तैयार किया जाता है एक सीजन यानी प्रत्येक 6 महीने पर बांस की खेती से उत्पादन 5 से 6 ट्रक तक बांस प्राप्त हो जाता है जो व्यापारी बांस लेने के लिए आते हैं वह अपने साथ मजदूर भी लाते हैं जो बांस की कटाई करते हैं इसलिए आपका कटाई करने में कोई खर्चा नहीं होता है।
डब्लू यादव ने बताया कि उनका काम केवल व्यापारी से बात करना होता है सहमति पर जो भी कीमत निर्धारित की जाती है इस पर बांस की बिक्री की जाती है उन्होंने आगे बताया कि बांस की बड़े स्तर पर मांग और उपयोगिता होती है खासकर होटल रेस्टोरेंट टेंट हाउस फर्नीचर आदि में बांस का बहुत उपयोग किया जाता है।
एक सीजन में 4 से 5 लाख तक की बांस की बिक्री हो जाती है और यदि साल की बात करें तो 8 से 10 लाख तक की कमाई हो जाती है। बस की खेती करने के लिए बीजों की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा आप बांस की खेती (Bans Ki Kheti) करने के लिए कटिंग या राइजोम (जड़) के द्वारा भी इसको कहीं भी उगाया जा सकता है बीज द्वारा बांस उगाने में बहुत अधिक समय लगता है इसलिए आपको राइजोम (जड़) द्वारा इसकी खेती करनी चाहिए।
अगर यदि हम बांस की बुवाई की बात करें तो जून से जुलाई के महीने में इसकी बुवाई कर सकते हैं बांस के पौधे को नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है परंतु यदि इसको नियमित सिंचाई नहीं मिल पाती है तो भी इसकी बांस की खेती आसानी से की जा सकती है।
इसमें कोई खास किट या रोग नहीं लगते हैं फिर भी यदि कोई किट या रोग लगते हैं तो उनका समय रहते उपचार करना आवश्यक होता है बांस की कटाई आमतौर पर 3 साल बाद करनी शुरू कर देते हैं।
बांस से होने वाली कटाई के द्वारा कमाई बांस की किस्म या बांस की गुणवत्ता पर निर्भर करती है यदि आपके बाजार में बांस की अधिक मांग है तो आपको वहां पर इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है जिसके कारण आप इसके खेती से लाखों रुपए कमा सकते हैं।
बांस की खेती से होने वाले लाभ
- इसकी खेती करने के लिए कम लागत आती है.
- इसकी खेती करने के लिए रखरखाव की कम आवश्यकता होती है.
- बांस की खेती करने के लिए सरकार से विभिन्न प्रकार की सहायता मिलती है.
- पास एक सबसे तेजी से बढ़ने वाला पौधा है जिसके कारण यह हर महीने कमाई देता रहता है.
- पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी है.
- यह मृदा क्षरण को भी रोकता है.
- मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाता है.
- बाढ़ वाले क्षेत्र के लिए बस की खेती आसानी से की जा सकती है.
- बांस का पौधा वायु शोधक का काम करता है.
- बांस की लकड़ी अंतिम संस्कार में बहुत अधिक उपयोग में लाई जाती है.
- बांस के द्वारा विभिन्न प्रकार के फर्नीचर कुर्सी बनाए जाते हैं.
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