Desi Nimbu Ki Kheti कब और कैसे करें | जानिए नींबू की खेती से कमाई | Lemon Farming in Hindi

आज हम आपको इस ब्लॉग में Desi Nimbu Ki Kheti कब और कैसे करें तथा इसकी खेती करके आप कितनी कमाई कर सकते हैं और नींबू में फल लगने की दवा के बारे में बताएंगे यह नींबू की बारहमासी किस्म है साथ ही बताएंगे कि नींबू की कलम किस महीने में लगानी चाहिए तथा नींबू की कटाई कब करनी चाहिए।

भारत में देसी नींबू की खेती (Desi Nimbu Ki Kheti) बड़े पैमाने पर की जाती है यह एक बारहमासी पौधा है जो उष्णकटिबंधीय और उपोषण कटिबंधीय जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है भारत में इस को व्यापक रूप से उगाया जाता है इसमें अधिक पैदावार लेने के लिए पारंपरिक कृषि प्रणाली को छोड़कर वैज्ञानिक तकनीकी द्वारा खेती करके अधिक उत्पादन ले सकते हैं. नींबू का उपयोग बहुत सारे हानिकारक बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है जिसके कारण इसकी मांग में काफी बढ़ोतरी हो रही है।

नींबू के बीजों से पौधे तैयार कैसे करें(How to Prepare Plants From Lemon Seeds)

नींबू के बीजों से पौधे आप अपने घर पर ही तैयार कर सकते हैं आइए किसान भाई हम आपको बताते हैं कि कैसे आप नींबू के बीजों से पौधे तैयार कर सकते हैं तो आइए जानते हैं. किसान भाइयों अक्सर आपने देखा होगा कि बरसात के मौसम में कुछ नींबू पेड़ से टूटकर नीचे गिर जाते हैं उसके बाद हम सभी नींबू को बिन लेते हैं लेकिन इस क्रिया के दौरान कुछ नींबू वहीं पड़े रह जाते हैं और खराब हो जाते हैं इन खराब नींबू को हम बारिश के पानी में से निकाल कर खुले आसमान में रख देते हैं।

जब वह एक महीने बाद पूरी तरह से सड़ जाते हैं. इसके बाद सड़े हुए नींबू को जहां पर पौधे तैयार करना चाहते हैं वहां रख देते हैं इसके बाद उनके ऊपर स्वस्थ मिट्टी बिछा देते हैं और मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए आवश्यकता अनुसार पानी का छिड़काव करते रहते हैं कुछ दिनों बाद जहां-जहां स्वस्थ बीज रहते हैं वहां पर नींबू के पौधे उग आते हैं इस प्रकार से आप बहुत आसानी के साथ बीजों से पौधे तैयार कर सकते हैं।

भूमि(Soil)

देसी नींबू की खेती (Desi Nimbu Ki Kheti) करने के लिए सबसे उपयुक्त बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।  पीली मिट्टी में इसकी जड़े अधिक गहराई तक जाती है जिसे पौधों का विकास बहुत तेजी के साथ होता है और फल जल्दी देने लगते हैं। इसकी खेती करने के लिए अम्लीय भूमि अच्छी रहती है जिस का पीएच मान 5.5 से 6.4 के बीच होता है पथरीली भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं होती है चिकनी मिट्टी में भी इसके पौधे लगाए जा सकते हैं।

भूमि की तैयारी(Land Preparation)

देसी नींबू की खेती (Desi Nimbu Ki Kheti) करने के लिए उपजाऊ सूखी भूमि अच्छी रहती है गर्मी के दिनों में दो से तीन बार गहरी जुताई करके उसमें 20 से 25 टन सड़ी हुई गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद को मिट्टी में देना चाहिए। तथा पौधारोपण से पहले उनको उपचारित कर लेना चाहिए जिससे आने वाले समय में बीमारियों और कीट का प्रकोप कम हो सके।

रोपण(Planting)

देसी नींबू (Desi Nimbu Ki Kheti) की किस्मों में रोपण की दूरी 5 X 5 मीटर रखनी चाहिए जिससे कि फल तुड़ाई करते समय अनेकों परेशानियां सामने आती है। किन्नो की रोपाई करते समय दूरी कम रखते हैं जिससे कि फल जल्दी आते हैं और अधिक उपज प्राप्त होती है।

जलवायु(Climate)

जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं देसी नींबू की खेती (Desi Nimbu Ki Kheti) के लिए उष्णकटिबंधीय या उपोषण कटिबंधीय जलवायु सबसे अच्छी रहती है पाला पड़ने से पौधे के विकास में बाधा उत्पन्न होती है इसलिए देसी नींबू की खेती करने के लिए ठंडी हवाओं से भी बचाना आवश्यक होता है। इसके पौधे के विकास के लिए 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त होता है।

नींबू की सिंचाई(Irrigation in Lemon)

देसी नींबू की खेती (Desi Nimbu Ki Kheti) करने के लिए ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए आप अपने खेत में ड्रिप सिंचाई विधि का भी उपयोग कर सकते हैं जिससे पानी की बचत होती है यह विधि राजस्थान में नींबू की खेती करने के लिए उपयुक्त है. नींबू की खेती करने के लिए मिट्टी में नमी होना आवश्यक होता है जिससे नींबू की पैदावार में वृद्धि होती है।

खाद एवं उर्वरक(Manure And Fertilizer)

देसी नींबू को साल में दो बार खाद दिया जाता है पहली बार खाद पौधों की रोपाई करते समय दिया जाता है और दूसरी बार खाद फल आने के बाद देना होता है इसके लिए आप सड़ी हुई गोबर की खाद या कछुए की कंपोस्ट खाद और रासायनिक खाद का प्रयोग कर सकते हैं।

नींबू की कटाई कब करें(Lemon Harvesting)

देसी नींबू के फल बारहमासी होते हैं इसलिए यह वर्ष में कई बार पुष्पन और फल देते हैं फल को पकने में 6 महीने का समय लग जाता है जब फल का रंग हल्का पीला होने लगे तो इस अवस्था में फलों को छुरी या कैची से कटाई करनी चाहिए।

Desi Nimbu Ki Kheti कब करें

यदि आप देसी नींबू की नर्सरी तैयार करना चाहते हैं तो यह कार्य आपको जून महीने में करना चाहिए क्योंकि जुलाई से अगस्त महीने में नींबू के पौधों की रोपाई का कार्य किया जाता है यदि आपके पास अच्छी सिंचाई की सुविधा हो तो आप फरवरी से मार्च के महीने में भी इसकी बुवाई का कार्य कर सकते हैं।

नींबू की खेती से कमाई(Earning From Lemon Farming)

भारत में नींबू की खेती करना एक लाभदायक व्यवसाय है नींबू की सवाने कीमत ₹20 प्रति किलो होती है जबकि गर्मियों के मौसम में इसकी कीमत ₹80 किलो से भी अधिक पहुंच जाती हैं नींबू की 1 एकड़ खेती से सालाना 5 से 7 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है हालांकि है यह नींबू की लिए उपयुक्त किस्म, जलवायु, मिट्टी, खाद, खेत की स्थिति और खेती करने की तकनीक पर निर्भर करता है।

नींबू की कलम किस महीने में लगाई जाती है(Propagation)

नींबू की कलम लगाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल) का होता है तथा गर्मियों के दिनों में इसकी कलम को (मई-जून) के महीनों में लगानी चाहिए क्योंकि इस समय मौसम हल्का गर्म होता है तथा मौसम में नमी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है जो कलम को फूटने के लिए अनुकूल होती है। कलम से तैयार किए गए पौधों का एक बहुत बड़ा लाभ यह होता है कि पेड़ बहुत जल्दी फल देने लगते हैं और रोग प्रतिरोधी भी होते हैं।

  1. कलम लगाने के लिए एक स्वास्थ्य और अच्छी विकसित पेड़ से 6 इंच लंबी तथा 1/2 इंच मोटी कलम लेनी चाहिए।
  2. इस कदम के नीचे की पत्तियों को हटा दें और ऊपर के हिस्से की पत्तियों को छोड़ दें.
  3. इसके बाद कलम के नीचे के हिस्से को 1/2 इंच की गहराई तक मिट्टी लगा देना चाहिए। इसके बाद मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए कलम को नियमित रूप से पानी देते रहते हैं.
  4. आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि कलम लगाने से पहले मिट्टी में नमी होनी चाहिए।
  5. कलम लगाने के 2 से 3 महीने बाद जड़े निकलने लगती है. जिसके बाद अपने खेती वाले स्थान पर इसको रोपित किया जाता है।

नींबू में फल लगने की दवा(Lemon Fruit Medicine)

हमारी कड़ी मेहनत के बावजूद नींबू की खेती में फलों की संख्या कम रह जाती है जिसके कारण उत्पादन में भारी गिरावट होती है और किसान को नुकसान उठाना पड़ता है नींबू की खेती में फलों की संख्या बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-

नींबू में फल लगने की दवा के लिए 10 पी पी एम, या 2-4, इसके अलावा जिंक फास्फेट और 20 पी पी एम आंरियो फंजीन यदि यह उपलब्ध ना हो 8 से 10 मिलीग्राम 2,4-D दवा को 1 लीटर पानी में घोल लेते हैं तथा कुछ समय के लिए रख देते हैं जब पौधों पर फल बनने लगते हैं उस समय पर इसका छिड़काव किया जाता है।

नींबू के पेड़ पर फल लगाने के लिए जैविक विधि द्वारा दवा का भी प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए पेड़ों के नीचे निराई गुड़ाई करके उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद डाल देते हैं तथा कुछ मात्रा प्लानोफिक्स दवा का पौधों पर स्प्रे करना चाहिए।

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