Farmer Success Story: जानिए कैसे खेती से किसान ने बदली अपनी किस्मत, जो अब 7 करोड़ में खरीदेगा हेलीकॉप्टर

Farmer Success Story: अगर वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो किसान भी करोड़ों में कमाई कर सकते हैं इसका उदाहरण है-राजाराम त्रिपाठी यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में रहने वाले एक प्रसिद्ध किसान है. जो कुछ सालों से छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में रह रहे हैं.

जैसा कि आप जानते हैं खेती-बाड़ी करना कोई आसान काम नहीं है इसको करने के लिए बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है उसके बाद ही किसान को उसकी मेहनत का फल मिलता है फिर भी उसकी मेहनत के बदले जो लाभ मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है.

परंतु राजाराम त्रिपाठी ने यह करके दिखाया है. जिसे सुनने के बाद आपको विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन यह सत्य है. राजाराम त्रिपाठी खेती-बाड़ी करने के लिए 7 करोड रुपए में एक हेलीकॉप्टर खरीद लिया है. छत्तीसगढ़ के ये किसान केवल खेती से ही साल भर में ₹25 करोड़ का टर्नओवर कर लेते है.

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वैसे तो उनके पास अनेक प्रकार की नहीं महंगी गाड़ियां हैं और कृषि अभियंत्रण है और अब उन्होंने 7 करोड़ में एक हेलीकॉप्टर खरीदने का मन बना लिया। राजाराम त्रिपाठी एक मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के सी ई ओ भी है जो 400 से ज्यादा आदिवासी परिवारों के साथ 1000 एकड़ में सामूहिक खेती कर रहे हैं जिससे सभी किसानों को अधिक लाभ हो रहा है.

राजाराम त्रिपाठी को खेती-बाड़ी के लिए अनेकों पुरस्कार भी मिल चुके हैं. इनको कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद की ओर से किसान राजाराम जी तीन बार देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ किसान और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से भी एक बार सर्वश्रेष्ठ निर्यातक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.

यह किसान कोंडा गांव और जगदलपुर जिलों में काली मिर्च की खेती और सफेद मूसली के अलावा स्ट्रोविया की खेती भी कर रहे हैं जिससे इन्हें वर्षभर में करोड़ों की कमाई होती है.

किसान ने क्यों खरीदा हेलीकॉप्टर

राजाराम त्रिपाठी भारत देश के पहले ऐसे किसान हो गए जिनके पास खुद का एक हेलीकॉप्टर होगा जब उनसे पूछा गया कि आप हेलीकॉप्टर क्यों खरीदना चाहते हैं तो उन्होंने बताया कि मैं नई तकनीक के द्वारा अच्छी आमदनी लेने के लिए हेलीकॉप्टर से फसलों पर फर्टिलाइजर व अन्य दवा का छिड़काव करने के लिए हेलीकॉप्टर खरीद रहा हूं

आगे उन्होंने बताया कि हाथ से फसलों पर दवाई का स्प्रे करने पर कुछ जगह छूट जाती है जिसके कारण वहां से कीट और बीमारी का प्रकोप अन्य जगह पर भी फैल जाता है हेलीकॉप्टर से पर्याप्त मात्रा में दवा समान रूप में सभी जगह पर डाली जा सकती है आगे उन्होंने बताया कि मैं अपनी फसल के अलावा आसपास के किसानों की फसलों पर भी फर्टिलाइजर छिड़काव करने के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग करूंगा।

त्रिपाठी ने बताया कि वह और उनका बेटा और छोटा भाई उज्जैन स्थित एक अकादमी में हेलीकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं ऐसा करने से किसानों में नई तकनीक के प्रति रुचि बढ़ेगी और आसपास के बेरोजगार युवाओं को भी इस की ओर अग्रसर होना चाहिए जिससे देश में खेती बाड़ी के द्वारा नई क्रांति लाई जा सके.

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बैंक की नौकरी छोड़कर बन गए किसान

राजाराम त्रिपाठी पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर की नौकरी करते थे बाद में वह नौकरी छोड़कर खेती-बाड़ी करने लगे और उनकी लगन और मेहनत के बल पर उनकी कमाई और उनके साथ 400 आदिवासियों परिवारों की आय भी दुगनी हो गई है.

इनका जन्म 1962 में बस्तर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दरभंगा ककनार गांव में राजा राम त्रिपाठी का जन्म हुआ था. इनके पिता जगदीश प्रसाद एक अध्यापक थे जो जगदलपुर कॉलेज से राजाराम ने पढ़ाई पूरी की थी. राजाराम त्रिपाठी की बचपन से ही खेती बाड़ी में रुचि रही है क्योंकि उनके दादाजी शंभूनाथ त्रिपाठी 70 साल पहले यूपी के प्रतापगढ़ जिले से दरभंगा घाटी के ककनार में आकर किसानी करने लगे थे.

खेती की शुरुआत

राजाराम त्रिपाठी ने 5 एकड़ से सब्जी की खेती की शुरुआत की थी उसके बाद जब उनको खेती-बाड़ी में नौकरी से ज्यादा कमाई होने लगी तो उसके बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और खेती-बाड़ी करने लगे वर्तमान में वह काली मिर्च, सफेद मुसली, मिर्च, इंसुलिन, स्टीविया, सतावर, समेत अन्य 18 प्रकार की जड़ी बूटियां वह महत्वपूर्ण औषधियों की खेती कर रहे हैं.

अब हेलीकॉप्टर से भी होगी खेती

अब राजाराम त्रिपाठी ने खेती बॉडी करने के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदने का निश्चय किया है जिसके द्वारा वह फसलों के ऊपर पर्याप्त मात्रा में फर्टिलाइजर व अन्य प्रकार की दवाओं को आसानी से छिड़काव कर सकते हैं डॉ राजाराम त्रिपाठी के मुताबिक रॉबिंसन कंपनी का मॉडल नंबर आर44 हेलीकॉप्टर कैलिफोर्निया से लगभग 7 करोड रुपए में खरीदा है.

आपके अलावा इंग्लैंड और जर्मनी में उन्होंने देखा की दवा और खाद के छिड़काव में हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जा रहा है वहीं से उनके मन में हेलीकॉप्टर खरीदने का ख्याल वहीं पर आया. हेलीकॉप्टर का प्रयोग करने के लिए उन्हें हेलीकॉप्टर को कस्टमाईज बनाना पड़ेगा ताकि कोई भी मशीन लगवाई जा सके. उन्होंने अन्य किसानों से कहा कि मेरा हेलीकॉप्टर सभी आसपास के किसानों के काम भी आ सकेगा।

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निष्कर्ष –

आज आप इस लेख में आपने जाना कि राजाराम त्रिपाठी कैसे खेती से करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह आधुनिक और बदलती जीवन शैली के अनुसार खेती को अपना रहे हैं ऐसी ही रोचक और आधुनिक खेती की जानकारी के लिए हमारी साइट को विजिट जरूर करें और अपने दोस्तों के साथ इस Farmer Success Story को शेयर करना ना भूले।

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