इस लेख में आप जानेंगे की चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है तथा चीकू का पेड़ लगाने के बाद चीकू के पेड़ की देखभाल कैसे करे। चीकू के पेड़ की खेती मुख्य रूप से कर्नाटक तमिलनाडु केरल आंध्र प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक की जाती है चीकू की खेती करने के लिए अन्य जानकारी जैसे चीकू के पेड़ में कौन सी खाद डालें, चीकू का पौधा कितने दिन में फल देता है, चीकू की खेती कहां होती है, चीकू का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं, चीकू की खेती कैसे की जाती है आदि।
चीकू के पेड़ का महत्व (Importance of apota tree)
चीकू के पेड़ के बहुत महत्व होते हैं चीकू के पेड़ से फल और लकड़ी प्राप्त होती है चीकू का फल मीठा और स्वादिष्ट के साथ मनुष्य के लिए पौष्टिक भी होता है इसमें विभिन्न विटामिन होते हैं जैसे विटामिन के विटामिन सी विटामिन ए और विटामिन ई के साथ खनिज पदार्थ भी पाए जाते हैं।
चीकू का पेड़ एक सदाबहार पेड़ होता है इसकी ऊंचाई 10 से 20 मीटर तक हो सकती है इसकी पत्तियां चमकदार और 5 से 10 सेंटीमीटर लंबी होती है इस पर सफेद रंग के सुगंधित फल लगते हैं।
यह सुखा और लवणता को सहन करने की क्षमता रखता है यह वातावरण को शुद्ध करने के लिए बहुत ही लाभकारी पेड़ होता है इसके अनेक औषधीय लाभ भी होते हैं।
इसका उपयोग पेट से संबंधित परेशानियां जैसे दस्त, कब्ज या पेट दर्द जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है इसके अलावा चीकू के फल से त्वचा और बालों के लिए भी औषधि तैयार की जाती है।
चीकू के फल से मिठाइयां आइसक्रीम और जूस भी बनाए जाते हैं तथा चीकू की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और अन्य लकड़ी के समान बनाने में किया जाता है आइए अब जानते हैं चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है।
चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है (How To Plant Sapota Tree)
चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है इसके लिए सही मिट्टी और सही पेड़ लगाने की जानकारी होना बहुत आवश्यक है क्योंकि यदि पेड़ आप सही लगते हैं तो आपको इसके बाद ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है चीकू का पेड़ आसानी से विकसित होता रहता है।
किंतु यदि आप चीकू का पेड़ लगाते समय कुछ गलतियां कर देते हैं तो चीकू के पेड़ का विकास रुक जाता है चीकू के पेड़ को लगाने के लिए मुख्य रूप से तीन तरीको का प्रयोग किया जाता है तो आईए जानते हैं चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है।
बीज के द्वारा चीकू का पेड़ लगाना (Planting Sapota Tree Through Seeds)
बीज के द्वारा चीकू का पेड़ लगाने के लिए स्वस्थ और बिना कटे फटे पूर्ण रूप से पूरी तरह विकसित चीकू के बीच का प्रयोग करना चाहिए चीकू के बीज लगाने से पहले बीजों को लगभग 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखना चाहिए। पानी में बीजों को भिगोकर रखने से बीजों का अंकुरण कम समय में और अच्छा होता है।
चीकू के बीजों को उगाने के लिए डिस्पोजल गिलास का उपयोग कर सकते हैं डिस्पोजल गिलास के अंदर कोकोपीट भर लेते हैं लेकिन इसके भरने से पहले गिलास के नीचे छेद कर लेते हैं जिसके सहायता से आवश्यकता से अधिक पानी इन छेड़ो के द्वारा निकल जाता है।
इसके बाद एक गिलास में दो बीज कोकोपीट के ऊपर रख देते हैं और हल्की उंगली से नीचे दबा देते हैं और ऊपर से कोकोपीट से ढक देते हैं इसके बाद इसको पानी दे देते हैं जिससे गिलास के अंदर हवा बाहर निकल जाती है इसके बाद एक पॉलिथीन से गिलास को पूरा ढक देते हैं।
जिसके कारण इसमें नमी लंबे समय तक बनी रहती है और यह हवा के संपर्क में नहीं आता है क्योंकि पॉलिथीन को पूरा सील या बंद कर देते हैं और यह डायरेक्ट सूर्य के प्रकाश से भी बच जाता है और ऐसा करने के 12 दिन बाद आपको पौधा उगता हुआ दिखाई देगा।
इसके बाद गिलास के अंदर मौजूद नमी को चेक करेंगे यदि नमी ठीक है तो 5 दिन के लिए और रख देंगे और यदि नमी कम हो तो हल्का पानी दे सकते हैं जिससे कि पौधा और अच्छे से निकल आए और इसके बाद आप उसको आप गमले में या अपने मनचाही जगह या खेत में लगा सकते हैं. हम आशा करते हैं कि आपको बीज के द्वारा चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है पता लग गया होगा।
कलम के द्वारा चीकू का पेड़ लगाना (Planting Sapota Tree Through Grafting)
किसी भी कलाम को लगाने के लिए बरसात का मौसम सबसे अच्छा होता है क्योंकि इस समय पर वातावरण में नमी होती है जो कलम के लिए बहुत अच्छी होती है।
कलम के द्वारा चीकू का पेड़ लगाने के लिए स्वस्थ और फलदार पेड़ से 15 से 20 सेंटीमीटर लंबी कलम लेनी चाहिए किंतु ध्यान रहे कलम कम से कम तीन से चार कलियां वाली होनी चाहिए।
कलम के द्वारा चीकू का पेड़ लगाने के लिए ठोस शाखा का चुनाव करना चाहिए इसके बाद स्वास्थ्य पेड़ से इन शाखा को काट लेते हैं शाखा पर अधिक पत्तियां होती है उनको हटा देते हैं क्योंकि यदि शाखा पर अधिक पत्तियां होगी तो कलम को जड़ बनाने में अधिक समय और अधिक मेहनत लगेगी।
शाखा के ऊपर तीन से चार पत्तियों छोड़ देते हैं इसके बाद शाखा को 2 से 3 इंच चाकू की सहायता से तिरछा करके छील लेते हैं जिससे उसकी लकड़ी चमक जाती है इसके बाद इसके ऊपर जड़ निकालने के लिए रूटिंग हार्मोन का प्रयोग करते हैं।
इसके लिए आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं यह चीकू के पेड़ की कलम में जड़ निकालने के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। एलोवेरा के जेल को छिली गई कलम के ऊपर लगा देते हैं और इसके बाद गमले में या खेत में जहां पर आपको चीकू का पेड़ लगाना हो वहां रोप देते हैं।
कलम लगाने के बाद नियमित रूप से पानी देना चाहिए और कलम को पक्षियों या जानवरों से बचना चाहिए कलम से जड़े निकालने में लगभग 4 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है।
पौधों के द्वारा चीकू का पेड़ लगाना (Planting Sapling Tree Through Saplings)
चीकू का पेड़ लगाने के लिए यह सबसे आसान तरीका है क्योंकि इसमें आपको चीकू की पौध तैयार मिल जाती है केवल आपको रोपने का कार्य ही करना होता है पौधे आपको किसी भी नर्सरी से मिल जाते हैं किंतु आपको विश्विनीय नर्सरी से ही स्वस्थ और अच्छे पौधे ही खरीदने चाहिए।
चीकू के पेड़ को हमेशा धूप में लगाना चाहिए यदि धूप में नहीं लगते हैं तो पेड़ पर चीकू कम आते हैं चीकू का पेड़ लगाने के लिए अच्छी उपजाऊ भूमि देखकर गड्ढा खोद लेते हैं।
गद्दा नर्सरी से लाए हुए पौधे पर लगी मिट्टी के अनुसार ही खोजते हैं पौधे को जमीन में ज्यादा नीचे नहीं लगते हैं अन्यथा पौधा करने का डर रहता है। पौधा जमीन में लगाते समय पॉलिथीन को हटा देना चाहिए पौधे को लगाते समय गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए।
इसके बाद ऊपर से हल्का पानी देना चाहिए चीकू का पेड़ लगाते समय कम दवाई की आवश्यकता होती है यदि आप अपने चीकू के पेड़ में अधिक फल लेना चाहते हैं तो आप खट्टी छाछ का प्रयोग कर सकते हैं इसका प्रयोग करने से फल अधिक लगते हैं।
चीकू के पेड़ की देखभाल कैसे करें (How To Take Care of Sapota Tree)
- चीकू के पेड़ या पौधे को उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली जगह पर ही लगाना चाहिए।
- चीकू का पेड़ बरसात के मौसम में लगाना चाहिए।
- चीकू के पेड़ को सर्दी के मौसम में पाले से बचना चाहिए।
- चीकू के पेड़ को उपजाऊ बलुई दोमट मिट्टी और जल निकास वाली जगह पर लगाना चाहिए।
- चीकू का पेड़ लगाने के लिए मिट्टी का पीएच मान 5 से 8 के बीच होना चाहिए।
- चीकू के पेड़ से अधिक फल और उत्पादन लेने के लिए वर्ष में तीन बार खाद देना चाहिए।
- खाद देने के लिए गोबर की खाद नीम की खाली, बोन मील, यूरिया, सुपर फास्फेट, पोटेशियम सल्फेट आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
- चीकू के पौधे को किट और रोगों से बचने के लिए तुरंत उपाय करने चाहिए।
चीकू की खेती से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण FAQs
चीकू के पेड़ में कौन सी खाद डालें?
चीकू के पेड़ से लगभग 6 इंच की दूरी पर चारों ओर 6 इंच गहरा गड्ढा खोद लेते हैं उसे गड्ढे में पुरानी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट 2 किलो प्रति पेड़ में देते हैं इसके साथ ही 10 से 15 ग्राम डीएपी फर्टिलाइजर का प्रयोग करते हैं यह मात्र 3 वर्ष के पौधे के लिए पर्याप्त है।
चीकू का पौधा कितने दिन में फल देता है?
बीज से तैयार किए गए पौधे देर से फल देते हैं जबकि कलम से तैयार किया गया पौधा 2 वर्ष में ही फल देने लगता है।
चीकू की खेती कहां होती है
भारत में चीकू की खेती मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के साथ गुजरात राज्य में अधिक उगाई जाती है।
चीकू का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं
चीकू का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं यह आपकी सोच पर निर्भर करता है. अंधविश्वास अपने चरम पर रहता है क्योंकि यहां पर पुराने समय में लोगों को शिक्षित नहीं होने दिया जाता था इसलिए लोग अंधविश्वासी बातों पर जल्दी विश्वास कर लेते थे किंतु ऐसा नहीं है यदि चीकू के पेड़ को उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु हो तो आप अपने घर पर चीकू का पेड़ अवश्य लगा सकते हैं।
भारत में चीकू कहां उगाया जाता है?
भारत में सबसे ज्यादा चीकू कर्नाटक राज्य में उगाया जाता है जहां पलक्क्ड़ और सिर्सी प्रमुख जिले हैं इसके अलावा दूसरा चीकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य तमिलनाडु है तथा तीसरा केरल आता है भारत में अन्य राज्य में भी चीकू की खेती की जाती है।
चीकू के फूल झड़ने की दवा
चीकू के फूल झड़ने की एक गंभीर समस्या है फूल गिरने से रोकने के लिए फूल आने के समय फूलो पर जिबरेलिन अम्ल के 50 से 100 पी.पी.एम. अथवा फल लगने के तुरंत बाद प्लैनोफिक्स 4 मिली /लीटर पानी के घोल का छिड़काव करने से फल लगने में वृद्धि होती है और फूल नहीं झड़ते है।
हमें आशा है कि यह चीकू का पेड़ कैसे लगाया जाता है | चीकू के पेड़ की देखभाल कैसे करें जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ इसको शेयर जरूर करें अगर आपके पास कोई सवाल है तो आप हमसे पूछ सकते हैं।
इन्हे भी पढ़े: –