Namdhari Tamatar Ki Kheti | नामधारी टमाटर की सम्पूर्ण जानकारी

Namdhari Tamatar Ki Kheti भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जाती है यह टमाटर की एक हाइब्रिड किस्म है इसकी खेती करने के लिए मिट्टी की तैयारी, बीज की बुवाई, पौधारोपण के बाद सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण करने के साथ-साथ जैविक उर्वरक का प्रबंध करना आवश्यक होता है इसमें कोई प्रमुख कीट या रोग नहीं लगते है।

जो अधिक उपज और अच्छा स्वाद के साथ अच्छे गुणवत्ता वाली होती है जिसके कारण बाजार में इसकी मांग और कीमत अच्छी मिलती है टमाटर की नामधारी किस्म एनएस 4266, 1200-1400 तक पैदावार देती है. इस किस्म को किचन गार्डन (होम गार्डन) के लिए अधिक उपयोग में लाया जाता है। 

Namdhari tamatar ki kheti नामधारी टमाटर की जानकारी

भारतवर्ष में टमाटर एक प्रमुख फसल है जिस की खेती और खपत साल भर बनी रहती है टमाटर की कीमत में अचानक से उछाल आने पर यह किसानों की चांदी चांदी कर देती है इसलिए किसान अन्य फसल के साथ टमाटर की खेती जरूर करते हैं जिससे वह वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करके अपने फसल की पैदावार को बढ़ा सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। नामधारी टमाटर की खेती (Namdhari Tamatar Ki Kheti) के मुख्य राज्य जैसे बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में की जाती है।

यदि आप टमाटर की खेती करके अधिक मुनाफा और पैदावार लेना चाहते हैं तो कृषि विशेषज्ञ टमाटर की नामधारी 4266 किस्म की खेती करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह किस्म कम समय में किसानों को 3 गुना अधिक पैदावार देती है. नामधारी एनएस 4266 किस्म को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिकों ने इसमें सफलता प्राप्त की है. इसमें कीड़े और रोग लगने का खतरा नहीं रहता है और कीटनाशकों का खर्चा भी बच जाता है।

मिट्टी की तैयारी(Soil preparation)

खेत की पहली जुताई करने के बाद उसमें हानिकारक खरपतवार और अन्य अनावश्यक सामग्री निकाल कर बाहर कर देना चाहिए इसके बाद खेत को दो से तीन बार हलचल आकर मिट्टी को भुरभुरा कर देना चाहिए।

इसके बाद मिट्टी में 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से कंपोस्ट खाद मिलाना होता है इसकी खेती रेतीली से लेकर चिकनी मिट्टी सभी में आसानी से खेती की जा सकती है फसल की अच्छी पैदावार के लिए जल निकास की व्यवस्था करनी चाहिए।

जलवायु(Climate)

नामधारी टमाटर की खेती (Namdhari Tamatar Ki Kheti) करने के लिए जलवायु का विशेष महत्व होता है नामधारी किस्म के बीजों का अंकुरण होने के लिए 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए इस तापमान में अंकुरण प्रतिशत बढ़ जाता है जिससे पैदावार में वृद्धि होती है. इसकी एक और अच्छी बात है कि यह पाला को सहन कर सकती है.

टमाटर की नामधारी के समूह में फूलों का निषेचन भी तापमान पर निर्भर करता है निषेचन के लिए अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस अच्छा रहता है।

दूरी अंतराल(Distance interval)

इस की नर्सरी तैयार करने में 1 महीने का समय लगता है जब पौधे 15 से 20 सेंटीमीटर लंबे हो जाते हैं तो उन्हें खेत में रोपने के लिए ले जाते हैं पौधों को पर्याप्त धूप और हवा लगने के लिए पौधों के बीच की दूरी 1 फुट रखनी चाहिए तथा एक लाइन से दूसरी लाइन की दूरी 5 से 6 फुट रखनी चाहिए इतनी दूरी रखने से पौधे को फैलने के लिए पर्याप्त स्थान मिल जाता है और एक पौधे का रोग दूसरे पौधे पर नहीं पहुंचता है।

नामधारी की बुवाई का समय(Namdhari Sowing Time)

नामधारी टमाटर की खेती (Namdhari Tamatar Ki Kheti) तीनों मौसम सर्दी गर्मी और बरसात में की जा सकती है इसकी बुवाई का उचित समय सितंबर से अक्टूबर का महीना उचित माना जाता है 45 दिनों बाद इसकी खेती तैयार हो जाती है दिसंबर से फरवरी के महीने में बाजार में बिक्री के लिए टमाटर ले जाते हैं.

खाद एवं उर्वरक(Manure and Fertilizer)

नामधारी टमाटर (Namdhari Tamatar Ki Kheti) की अच्छी पैदावार लेने के लिए उचित मात्रा में खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए खेत की तैयारी करते समय 25 से 30 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा

  • नाइट्रोजन 100 से 120 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
  • फास्फोरस 50 से 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
  • पोटेशियम 50 से 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर

उर्वरक को दो भागों में बांट कर देना चाहिए आधी मात्रा को बुवाई के समय देना चाहिए और आदि शेष मात्रा को एक महीने बाद खड़ी फसल में टॉप ड्रेसिंग के रूप में देना चाहिये। अमोनियम सल्फेट, सिंगल सुपर फास्फेट तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश को पौधे के जड़ क्षेत्र में देना चाहिए।

टमाटर में सिंचाई(Irrigation in Tomatoes)

नामधारी टमाटर की खेती (Namdhari Tamatar Ki Kheti) करने के लिए सिंचाई की व्यवस्था करना सबसे प्रमुख काम है इसमें पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती है इसलिए आप ड्रिप सिंचाई विधि का उपयोग कर सकते हैं जिससे पैदावार में वृद्धि होती है मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर सिंचाई करनी चाहिए।

टमाटर के फूल क्यों गिरते हैं(Why Do Tomato Flowers Fall)

यदि आप के टमाटर के पौधे के फूल गिर रहे हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं जो नीचे दिए गए है

  1. टमाटर के पौधे को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है यदि मिट्टी सूखी हो जाती है तो टमाटर के पौधे से फूल गिरने लगते हैं.
  2. टमाटर के पौधे अधिक गर्मी सहन नहीं कर पाते हैं गरम लू चलने से फूल गिर जाते हैं.
  3. टमाटर की खेती करने के लिए जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए यदि जलभराव की समस्या होगी तो टमाटर के फूल नीचे गिरने लगते हैं.
  4. टमाटर के पौधों में कई प्रकार के रोग और कीट लगते हैं जो पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं इसके कारण भी फूल गिरने लगते है.

टमाटर के फूल झड़ने की दवा(Medicine For Tomato Flower Fall)

टमाटर की फसल फूल झड़ने की समस्या से 60 से 80% प्रभावित होती है जिससे उत्पादन में भारी नुकसान होता है इसकी रोकथाम करने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं

  1. पौधों को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है.
  2. अधिक गर्मी में पौधों के लिए छाया का प्रबंध करें.
  3. जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
  4. पौधों में उचित मात्रा का खाद और उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए.
  5. पौधों की नियमित रूप से जांच करें कि वह किसी भी रोग या किट से प्रभावित ना हो.
  6. फसल में फूल आने के बाद अधिक नाइट्रोजन युक्त खाद का प्रयोग ना करें।
  7. टमाटर में फूल गिरने की समस्या रोकने के लिए प्लानोफिक्स हार्मोन की दवा का 4 से 5 ml प्रति 15 लीटर पानी में घोलकर खड़ी फसल में छिड़काव करना चाहिए।

बेल वाले टमाटर की खेती कैसे करें(How to Cultivate vine Tomatoes)

बेल वाले टमाटर के एक पौधे से 20 से 25 किलो टमाटर प्राप्त हो जाते हैं इसकी खेती ठंड के मौसम में की जाती है तथा इस टमाटर को पकने के लिए 20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है इसके पौधे को सहारा देने के लिए पौधे के पास एक लकड़ी खड़ी कर देते हैं जिसके सहारे पौधा बेल की तरह सीधा खड़ा रहता है और पौधे पर फल अधिक लगते हैं।

नामधारी टमाटर 585

यह टमाटर की एक संकर किस्म है इसके पौधे अन्य पौधों की तुलना में अधिक लंबे होते हैं तथा पत्तियां भी अधिक पाई जाती हैं दक्षिणी भारत में गर्मियों के मौसम में इसकी खेती करना अच्छा रहता है यह पकने में कुछ समय ज्यादा लेता है इसके फल हरे रंग के होते हैं जिनका वजन 80 से 90 ग्राम तक होता है इसकी त्वचा चिकनी चमकदार होती है यह स्वाद में खट्टा होता है।

नामधारी टमाटर 962

इसकी नर्सरी 15 जून से लेकर 25 जून के बीच में की जाती है 25 से 28 दिनों के बाद नर्सरी तैयार हो जाती है तथा 15 से 20 जुलाई के बीच में इसकी रोपण का कार्य कर लेना चाहिए इसके पौधे की लंबाई 4 से 5 फुट तक होती है इसके फलों का आकार गोल और लाल रंग का होता है यह 55 से 65 दिनों में तोड़ाई योग्य हो जाती है इसके फलों का वजन 80 से 100 ग्राम तक होता है।

नामधारी टमाटर 592

यह एक टमाटर की हाइब्रिड किस्में है यह 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है इसके फल गोल चिकने और चमकदार होते हैं जो कच्चे हरे और पकने पर लाल हो जाते हैं के फलों का वजन 100 से 120 ग्राम तक होता है इस किस्म के फल स्वाद में अम्लीय होते हैं।

टमाटर की खेती (Namdhari Tamatar Ki Kheti) करने के लिए अच्छी जल निकास वाली भूमि और गर्म समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है इसके अनेकों लाभ है यह जल्दी पकने वाली किस्म है तथा इसकी उपज भी अधिक होती है यह सभी प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है और कीटो और रोगों के प्रति प्रतिरोधी होती है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि नामधारी टमाटर 592 एक बहुमुखी किसमें है जो किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है।

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