उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (uttar pradesh mein seb ki kheti) बहुत कम क्षेत्रफल में की जाती है किंतु उत्तर प्रदेश में सेब की खपत बहुत अधिक होती है जिसके कारण उत्तर प्रदेश में सेब की मांग पूरे साल भर बनी रहती है जैसा की आप जानते हैं सेब की खेती करने के लिए ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है जिसके कारण उत्तर प्रदेश में सेब की खेती करना आसान काम नहीं है लेकिन कृषि वैज्ञानिक को की कड़ी मेहनत और लगन के साथ नए-नए अविष्कार करके अब उत्तर प्रदेश में भी किस सेब की खेती कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (uttar pradesh mein seb ki kheti) हिमालय की तराई और पहाड़ी क्षेत्र में सब की खेती करने के लिए उपयुक्त जलवायु पाई जाती है पहाड़ी क्षेत्रों में सेब की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी भी मिल जाती है सेब की खेती करने के लिए सबसे अधिक जलवायु का महत्व होता है।
इसलिए ठंडा और पहाड़ी इलाकों में सेब की खेती आसानी से की जा सकती है अगर सेब की खेती को ठंडा वातावरण प्रदान किया जाए तो इसकी खेती आप कहीं भी कर सके लेकिन यह इतना आसान नहीं है. इसके लिए आपको उत्तर प्रदेश में सेब की खेती से संबंधित जानकारी होना आवश्यक है।
सेब का परिचय (Introduction to Apple)
सेब एक पौष्टिक फल है इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है इसके अतिरिक्त इसके फलों से सेब का मुरब्बा जैम, रस और अन्य प्रकार के स्वादिष्ट स्वास्थ्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं।
क्योंकि इसमें प्रोटीन वसा कार्बोहाइड्रेट, रेशा, थायमिन, राइबोफ्लेविन, निकोटीन, विटामिन सी और अन्य खनिज लवण भी पाए जाते हैं।
भारत में सेब की खेती कहां कहां होती है (Where is apple cultivated in India?)
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड इसके प्रमुख उत्पादन राज्य हैं परंतु अब अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल (दार्जिलिंग) सिक्किम, नागालैंड, मेघालय तथा तमिलनाडु की नीलगिरी पहाड़ियों पर भी सेब की खेती की जाने लगी है।
उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (Uttar Pradesh Mein Seb ki Kheti)
आमतौर पर सेब की खेती में मार्च और अप्रैल में पौधों पर फूल लगने लग जाते हैं उसे समय पर ज्यादा तापमान का फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिस कारण कुछ गर्म इलाकों में सेब की खेती करना आसान नहीं होता है इसके साथ ही सब की खेती करने के लिए औसतन 100 से 150 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा की भी जरूरत होती है।
लेकिन कृषि वैज्ञानिक को की कड़ी मेहनत के द्वारा एक नई वैरायटी विकसित की गई है जिसका नाम है हरमन 99 इस वैरायटी के विकसित होने के बाद किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है क्योंकि इस वैरायटी को उत्तर प्रदेश में भी आसानी से उगाया जा सकता है यह वैरायटी 40 से 45 डिग्री तापमान में भी पैदा की जा सकती है ऊंचे तापमान के लिए सेब की यह खास किस्म एक नई उम्मीद लेकर आई है।
भूमि का चयन (land Selection)
उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (uttar pradesh mein seb ki kheti) ऐसी का बाग लगाने के लिए ऐसी भूमि का चुनाव करना चाहिए जो समतल और अच्छी तरह से सूखी हुई हो क्योंकि जल भराव होने के कारण सेब की खेती को नुकसान पहुंचता है भूमि में 5% से अधिक ढलान नहीं होना चाहिए। सब की खेती के लिए रेताली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है जिसमें कार्बनिक पदार्थ होना आवश्यक है।
पौधों का चयन (selection of plants)
उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (uttar pradesh mein seb ki kheti) करने के लिए विशेष पौधों का चयन करने की आवश्यकता होती है जिन पौधों में गर्मी सहन करने की क्षमता होती है उन पौधों की खेती उत्तर प्रदेश में की जा सकती है इनमें सबसे अच्छी किस्म हरमन 99 है। इसके अलावा कुछ अन्य इस प्रकार है
- रॉयल डिलीशियस
- रायमर
- फैनी
- किंग रांट
- ग्रीन स्मिथ
- गाला
- स्कारलेट
उत्तर प्रदेश में सब की खेती के लिए पौधे कहां से मंगवाये
उत्तर प्रदेश में बाराबंकी जिले के रहने वाले उत्तम वर्मा उत्तर प्रदेश में सेब की खेती कर रहे हैं वह नौकरी करने के बजाय उत्तर प्रदेश में सेब की खेती कर रहे हैं इसके अलावा वह तरबूज खरबूजा और स्ट्रॉबेरी की खेती भी करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सेब की खेती (uttar pradesh mein seb ki kheti) करने वाले उत्तम वर्मा ने बताया कि उन्होंने हरमन 99 वैरायटी की जानकारी इकट्ठा करने के बाद हिमाचल प्रदेश से हरमन 99 वैरायटी के करीब 300 पौधे बुक किए थे जिन्हें उन्होंने तीन बीघा भूमि में रोपाई कर दी थी।
अब वह काफी बड़े पौधे हो गए हैं और लोग जब उनसे पूछने आते हैं कि आपने उत्तर प्रदेश में सेब की खेती करने के लिए पौधे कहां से मंगवाए तो वह हिमाचल प्रदेश से मंगाने की सलाह देते हैं।
उत्तर प्रदेश (uttar pradesh mein seb ki kheti) के मौसम में होने वाले सेब कश्मीर या हिमाचल प्रदेश में होने वाले सेब के स्वाद के मुकाबले किसी भी प्रकार से काम नहीं है कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अब यूपी बिहार ही नहीं राजस्थान में भी सेब उगाया जा सकेगा इसके लिए किसानों को आईएचबीटी की सलाह का पालन करना होगा और साथ ही साथ सब के पौधों की पूरी तरह से उचित देखभाल करनी होगी।
सेब का पेड़ कैसे लगाते हैं (How to Plant An Apple Tree)
मैदानी इलाकों में दिसंबर से जनवरी के महीना में सेब के पौधे लगाए जा सकते हैं इससे पहले गड्डो की अच्छे से तैयारी करने के लिए एक मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदना चाहिए आधा मी गड्ढे की खुदाई करने के बाद मिट्टी को अलग रखना चाहिए और सबसे नीचे के आधा मीटर की मिट्टी को अलग रखना चाहिए इसके बाद मिट्टी को धूप में सूखने के लिए खुला छोड़ देते हैं जिससे उसमें मौजूद हानिकारक किट मर जाते हैं।
प्रत्येक गड्ढे में 40 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद और 500 ग्राम सुपर फास्फेट डालना चाहिए पौधे से पौधे की दूरी 5 से 7 मी रखनी चाहिए कम फलने वाली वैरायटी के लिए 4 से 5 मीटर की दूरी उपयुक्त रहती है।
सबसे ज्यादा सेब की खेती कहां होती है (Where are Most Apples Cultivated?)
अगर भारत देश की बात करें तो सबसे ज्यादा सेब की खेती जम्मू कश्मीर में होती है भारत में अकेले जम्मू कश्मीर में ही सेब का 58% सेब उत्पादन होता है इसके बाद हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का नंबर आता है अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी सेब की खेती की जाती है।
अगर दुनिया में सेब उत्पादन की बात करें तो चीन प्रथम स्थान पर आता है तथा यूरोपीय संघ दूसरे स्थान पर आता है भारत में सबसे अधिक सेब की खेती करने वाले जिलों के नाम है किन्नोर, शिमला मंडी, कुल्लू, श्रीनगर, गडेरबल , बडगाम, बारामुला, शोपिया आदि।
सेब का पेड़ कितने दिन में फल देता है (In how many Days Does an Apple Tree Bear Fruit)
यदि आप नए पौधों द्वारा सेब के बगीचे की रोपाई करते हैं तो रोपाई करने के 4 साल बाद फल आने लगते हैं आप जल्दी सब की पैदावार लेना चाहते हैं तो आपको ग्राफ्टिंग या कलम से सेब के बगीचे को लगाना चाहिए सेब का बगीचा लगाने के लिए नवंबर से फरवरी तक का महीना उपयुक्त रहता है।
ऐसा करने से 2 साल बाद ही पेड़ों पर सब लगने लगते हैं परंतु यदि आप उत्तर प्रदेश में सेब का बगीचा लग रहे हैं तो आपको अधिक समय लग सकता है सब के एक पेड़ से औसतन 10 से 20 किलो सेब की पैदावार प्राप्त हो जाती है।
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