वर्टिकल फार्मिंग से चावल की फसल कैसे उगाए यहां जानिए किसान की सक्सेसफुल स्टोरी

नमस्कार किशन साथियों आज हम आपके लिए वर्टिकल फार्मिंग से चावल की फसल कैसे उग सकते हैं और यदि आपके पास फसल उगाने के लिए जमीन बहुत कम है तो भी आप वर्टिकल फार्मिंग द्वारा चावल की खेती आराम से कर सकते हैं वर्टिकल फार्मिंग करने के लिए बहुत ही कम जगह की आवश्यकता होती है क्योंकि बढ़ती हुई आबादी के कारण सभी खेतों की जमीन पर इंसान घर और अन्य उद्योग धंधे खोलते जा रहे हैं। वर्टिकल फार्मिंग को हिंदी में खड़ी खेती के नाम से जाना जाता है।

जिसके कारण खेती करने के लिए भूमि की कमी होती जा रही है यदि आपके पास भी खेती करने के लिए जमीन कम है तो आप वर्टिकल फार्मिंग करके खेती में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और जानिए वर्टिकल फार्मिंग आपको क्यों करनी चाहिए।

वर्टिकल फार्मिंग किसे कहते हैं।

वर्टिकल फार्मिंग को खड़ी खेती के नाम से भी जाना जाता है यह खेती करने का एक ऐसा तरीका होता है जिसमें कम भूमि में भी ज्यादा फसल उगाई जा सकती है इसमें लड़कियों के टुकड़ों के सहारे या चट्टानों या पिलर के सहारे ऊपर नीचे करके पौधों को उगाने के लिए एक दीवार सी बना दी जाती है जिसमें विभिन्न प्रकार की फैसले कम जगह में अधिक पैदावार के साथ की जा सकती है।

एक कश्मीर के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर कौसर मुनीम जी बताते हैं जहां पर जमीन की कमी है वहां पर वर्टिकल फार्मिंग करके किस अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि आने वाले समय में देश की बढ़ती आबादी के कारण खेत की जमीन दिन पर दिन कम होती जा रही है जो की देश और दुनिया के लिए चिंता का विषय है इसलिए किसानों को अभी से ही वर्टिकल फार्मिंग करना शुरू कर देना चाहिए। वह भी कश्मीर में वर्टिकल फार्मिंग से चावल की खेती कर रहे हैं।

भारत में वर्टिकल फार्मिंग

भारत में भी वर्टिकल फार्मिंग की शुरुआत हो चुकी है अभी हाल ही में कश्मीर के कुलगाम में रहने वाले जहूर अहमद रिषी ने वर्टिकल फार्मिंग करने की एक नई तकनीक विकसित की है जिसकी सहायता से अब किस काम जगह में भी ज्यादा फसल उगा सकेंगे और साथ ही साथ कम जगह में ही अधिक उत्पादन अपनी फसल से ले सकेंगे यही तकनीक को वर्टिकल फार्मिंग की कैटेगरी में रखा गया है खेती बड़ी करने का यह तरीका जापान और चीन में काफी प्रसिद्ध है लेकिन अब भारत में भी इसको अपने की जरूरत है।

क्योंकि देश में बढ़ती आबादी के कारण खेत की जमीन कम होती जा रही है और किसानों को खेती करने के लिए उपजाऊ भूमि की भी कमी हो रही है इसलिए कृषि वैज्ञानिक इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए नई-नई तकनीक आदि रहते हैं जिससे किसानों को आसानी से फसल उत्पादन करने के तरीके दिए जा सके और देश के विकास में किसान अच्छा योगदान दे सकें।

वर्टिकल फार्मिंग से चावल

इन्होंने अभी हाल ही में अपने घर की छत पर ही कम जगह में वर्टिकल फार्मिंग से चावल की फसल उगाकर सबको हैरान कर दिया है लेकिन जहूर अहमद रिषी ने एक ऐसा अन्य तरीका ढूंढ निकाला है जिससे अब ज्यादा भूमि से किए गए उत्पादन से भी ज्यादा पैदावार फसलों से ली जा सकती है लेकिन यह तकनीक अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाई है क्योंकि सामान्य किसान के लिए अभी इस तकनीक को करने के लिए पूरी जानकारी नहीं है। सरकार द्वारा वर्टिकल फार्मिंग को फैलाने के लिए किसानों को जागरूक करना आवश्यक है।

कश्मीर के दक्षिणी क्षेत्र में वर्टिकल फार्मिंग के ऊपर दो कृषि वैज्ञानिक साल में शाली चावल के प्रकार उगाने के लिए काम कर रहे हैं कश्मीर में शाली की फसल एक साल में एक बार ही उगाई जाती है लेकिन कृषि वैज्ञानिक इसको साल में दो बार उगने का प्रयास कर रहे हैं यह एक चावल की वैरायटी है जो काफी महंगी होती है यदि साल में यह दो बार उगाने में कृषि वैज्ञानिक सफल होते हैं तो किसानों को बहुत अधिक मुनाफा हो सकता है।

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