जैविक खेती के लाभ एवं हानि | Organic Farming Advantages And Disadvantages in Hindi

जैविक खेती के लाभ एवं हानि दोनों साथ साथ चलने वाले एक गाड़ी के दो पहिए हैं. जैविक खेती की वर्तमान में और आने वाले कल में इसकी मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. क्योंकि आजकल जो हम खाना खाते हैं उसमें अनेकों प्रकार के केमिकल होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होते हैं जैविक खेती में अनेक प्रकार की विशेषताएं पाई जाती है जो हमें इन सब से छुटकारा दिला सकती हैं.

यदि आप एक स्वस्थ सुंदर जीवन जीना चाहते हैं तो आपको जैविक खेती से तैयार की गई सब्जी फल इत्यादि का उपयोग करना चाहिए। जैविक खेती से तैयार की गई फसल में किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल या रसायन नहीं पाए जाते हैं. जिसके कारण यह हमारे पर्यावरण के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य के लिए भी किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाती है जिसके कारण इसकी मांग दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. आइए जानते हैं जैविक खेती के लाभ एवं हानि क्या-क्या है.

जैविक खेती की परिभाषा (Definition of Organic Farming)

जैविक खेती एक उत्पादन प्रणाली है जिसमें मिट्टी, परिस्थितिकी तंत्र, और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर की जाती है जैविक खेती में जो मनुष्य के लिए और पर्यावरण के लिए हानिकारक इनपुट होते हैं जैसे-रासायनिक उर्वरक, खरपतवार नाशक रसायन, कीटनाशक रसायन, किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं किया जाता है.

जानिए जैविक खेती का विकास 

जैविक खेती के लाभ एवं हानि (Organic Farming Advantages And Disadvantages in Hindi)

जैविक खेती से लाभ (Benefits of Organic Farming)

दुनिया के बदलते हुए दौर में खेती किसानी में अनेक प्रकार के रसायनों का प्रयोग करके फसल की पैदावार में वृद्धि तो हो जाती है किंतु रसायनों का प्रयोग करके उगाई गई फसल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक साबित हो रही है इसलिए लोगों का रुझान अब जैविक खेती करने की और ज्यादा होने लगा है.

क्योंकि जैविक खेती से उगाई गई फसल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार से हानि नहीं पहुंचाती है इस कारण से इसकी मांग बाजार में बढ़ती जा रही है क्योंकि हर मनुष्य एक स्वास्थ्य जीवन पीना पसंद करता है. इसलिए आपको जैविक खेती के लाभ एवं हानि दोनों का पता होना चाहिए जैविक खेती के अनेक प्रकार के लाभ नीचे दिए गए हैं:

  1. स्वास्थ्य भोजन – सामान्य खेती से उगाए गए उत्पादों की तुलना में जैविक खेती के द्वारा उगाए गए उत्पादों में आमतौर पर अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैविक खेती पद्धतियां मिट्टी में पोषक तत्वों को संरक्षित करने में मदद करती है जिसे बाद में पौधों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जैविक मांस और डेयरी उत्पादों में भी आमतौर पर हानिकारक बैक्टीरिया और हार्मोन कम पाए जाते हैं.
  2. किसानों के लिए सुरक्षित – किसान पारंपरिक तरीके से खेती-बाड़ी करते हैं तो वह अनेक प्रकार के कृषि उर्वरक, खरपतवार नाशक रसायन, कीटनाशक, आदि का प्रयोग करते हैं जिसके कारण किसान इन रसायनों के संपर्क में आने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती है. कभी-कभी किसानों की मृत्यु तक होगी हो जाती है. परंतु जैविक खेती में इस प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है क्योंकि इसमें प्राकृतिक कीट नियंत्रण और खादों का प्रयोग किया जाता है जो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं.
  3. अधिक टिकाऊ – जैविक खेती स्वास्थ्य भोजन का उत्पादन करने की एक टिकाऊ विधि है क्योंकि यह प्राकृतिक प्रक्रियाओं पर आधारित होती है जैविक खेती करने से किसी भी प्रकार से मिट्टी को कोई नुकसान नहीं होता है तथा यह पर्यावरण को भी प्रदूषित नहीं करती है और प्राकृतिक को स्वस्थ बनाए रखती है.
  4. बेहतर स्वाद – जैविक खेती से तैयार भोजन का स्वाद पारंपरिक रूप से उगाए गए भोजन से कहीं बेहतर होता है इसका यही कारण इसकी बाजार में अच्छी कीमत दिलाता है क्योंकि जैविक खेती के तरीके से तैयार फसल में प्राकृतिक स्वाद को संरक्षित करने की क्षमता होती है.
  5. अधिक मांग – जैविक खेती के स्वास्थ्य के लिए लाभ होने के कारण इसकी बाजार में अन्य सामान्य खेती से तैयार फसलों की तुलना में अधिक मांग और कीमत देखने को मिलती है.
  6. अर्थव्यवस्था में सुधार– जैविक खेती करने से अनेक प्रकार के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो जाते हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है.
  7. प्रदूषण नहीं होता है – जैविक खेती करने से पर्यावरण मैं किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता है क्योंकि इसमें सभी प्रकार के रसायन प्रतिबंधित होते हैं.
  8. मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि – जैविक खेती करने से मिट्टी की संरचना और मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है
  9. रोग प्रतिरोधक क्षमता – जैविक खेती में जैविक उत्पादों का प्रयोग करने से मनुष्य और पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है जिसके कारण मनुष्य और पशु लंबे समय तक निरोग रहते हैं.
  10. लागत में कमी – इसमें अनेक प्रकार के उर्वरक, कीटनाशक, खरपतवार नाशक, रसायनों के ऊपर खर्च होने वाला खर्चा कम हो जाता है.
  11. किसानों की आय में वृद्धि – बाजार में जैविक खेती से तैयार फसलों की कीमत अधिक मिलने के कारण किसानों की आय में वृद्धि होती है.
  12. मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है.
  13. जैविक खादों के प्रयोग से पानी का वाष्पीकरण कम होता है.
  14. बेकार कचरे का प्रयोग जैविक खेती में खाद बनाने में किया जाता है.
  15. जैविक खाद से तैयार फसल की गुणवत्ता बहुत अधिक होती है.
  16. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत अधिक मिलती है.
  17. जैविक खेतों की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में होता है.
  18. जैविक खेतों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जल प्रदूषण के स्तर को भी कम करता है.
  19. जैविक खेती में किसी भी प्रकार के लाभकारी कीड़ों या अन्य जीवों के लिए कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है जिसके कारण जैव विविधता के संरक्षण करने में भी मदद मिलती है.

जैविक खेती के नुकसान (Disadvantages of Organic Farming)

जैसा हमने पहले कहा था कि जैविक खेती के लाभ और हानि दोनों एक गाड़ी के दो पहिए के समान है जैविक खेती में कुछ लाभ होने के साथ-साथ कुछ हानियां भी है जो नीचे दी गई है:

  1. अधिक लागत – जैविक खेती का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसको करने के लिए अधिक लागत आती है क्योंकि जैविक खेती में किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं जिसके कारण अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है जिसके कारण लागत बढ़ सकती है.
  2. कम पैदावार होना – जैविक खेती करने से दूसरा मुख्य नुकसान यह होता है कि इसमें कम पैदावार हो सकती है. क्योंकि जैविक खेती की फसलें कीटो और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है. क्योंकि किसान कीटो और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए किसी भी प्रकार के रसायनों का प्रयोग नहीं करते हैं.
  3. सरकारी सहयोग का ना मिलना – जैविक खेती करने के लिए सरकार से पारंपरिक किसानों के समान सरकारी सहायता नहीं मिल पाती है जिससे किसानों को जैविक खेती करना मुश्किल हो जाता है.
  4. प्रमाणीकरण की समस्या – जैविक किसानों को अपने उत्पादकों को बेचने के लिए पहले सख्त प्रमाणीकरण मानकों को पूरा कराना होता है यह एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है इसमें किसान की लागत भी बढ़ सकती है.

इन सब प्रकार के फायदे और नुकसान के आधार पर हम कह सकते हैं कि जैविक खेती करना एक फायदे का सौदा है जिसमें पैदावार भले ही कम हो किंतु यह मनुष्य के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी खेती है।

कृषि के लाभ और हानि

कृषि के लाभ

कृषि से मनुष्य को ही नहीं पूरी दुनिया को बहुत अधिक लाभ होते हैं क्योंकि कृषि के द्वारा हमको भोजन मिलता है और भोजन के बिना कोई जिंदा नहीं रह सकता है इसलिए एक आर्टिकल में बताना असंभव है फिर भी हम आपको कुछ मुख्य कृषि के लाभ बताएंगे जिन्हें पढ़कर आप जानेंगे कि कृषि का मनुष्य के जीवन में बहुत अधिक महत्व है।

  • प्राचीन समय से ही कृषि रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत रहा है ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का सबसे अच्छा साधन कृषि की है इसलिए रोजगार के क्षेत्र में कृषि का बहुत अधिक महत्व हो जाता है।
  • कृषि करने से सारी दुनिया के देश और विदेश व्यापार करते हैं जिससे उनको आय प्राप्त होती है।
  • यदि आप जैविक खेती द्वारा कृषि करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक साबित होती है।
  • कृषि के द्वारा सभी को फल और सब्जियां प्राप्त होती है जो दैनिक जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।
  • यदि मनुष्य के पास रुपए नहीं है तो भी वह कृषि करके जीवित रह सकता है लेकिन यदि मनुष्य के पास बहुत सारे रुपए हैं और कृषि करने के लिए भूमि या कृषि फसल नहीं है तो वह भूखा ही मर जाएगा।
  • कृषि करने से पर्यावरण शुद्ध होता है और सभी जीवो को समय पर जीवित रहने के लिए खाना मिलता रहता है।
  • खेती बाड़ी के द्वारा ही ग्रामीण क्षेत्र का विकास संभव है।
  • कृषि करने से आपको और देश को आर्थिक लाभ होता है।
  • कृषि से प्राप्त विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां द्वारा बड़े-बड़े उद्योग में नए-नए आविष्कार और व्यंजन तैयार किए जाते हैं।
  • कृषि करने से पर्यावरण सुंदर और स्वस्थ बना रहता है क्योंकि इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के फूल और फल प्राप्त होते हैं।
  • कृषि करने से मनुष्य के स्वास्थ्य में सुधार मिलता है क्योंकि खेती करने में अधिक श्रम करने की आवश्यकता होती है जिससे हमारे शरीर की एक्सरसाइज भी होती रहती है।
  • खेती करने से आप आत्मनिर्भर भी बनते हैं क्योंकि यदि आप अपने घर पर ही आवश्यक फल और सब्जियां उगाते हैं तो आपको बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • खेती बाड़ी में यदि आप अधिक लाभ लेना चाहते हैं तो रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं और यदि आप ऑर्गेनिक सब्जियों या फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको जैविक खेती ही करनी चाहिए।
  • कृषि करने से मनुष्य को बीजों की पहचान, बीजों का चुनाव, सिंचाई करने का तरीका, फसलों की पहचान, फसलों की कटाई और फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है जो भविष्य में उनके लिए फायदेमंद साबित होती है।
  • खेती के क्षेत्र में दिन पर दिन नई तकनीक आ रही है जैसे हाइड्रोपोनिक और गोबर की खाद के अलावा वर्मी कंपोस्ट तकनीक आ गई है जिसका प्रयोग करके आप कम लागत में अधिक पैदावार ले सकते हैं।
  • कृषि करने के लिए पूरे परिवार की आवश्यकता होती है जिसके कारण परिवार में रिश्तो में मजबूती आती है।

कृषि के हानि

  • कृषि करने में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है किसानों को समय पर और आवश्यकता अनुसार पानी नहीं मिल पाता है जिसके कारण फसल सूख कर मर जाती है।
  • भारत में ज्यादातर किसान गरीब होते हैं इसलिए उनके पास पर्याप्त मात्रा में कृषि औजार का अभाव होता है जिसके कारण में अच्छे से खेती बाड़ी नहीं कर पाते हैं।
  • कुछ किसान अधिक उत्पादन लेने के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग कर रही हैं जिसका दुष्प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और अनेक प्रकार की नई-नई बीमारियां उत्पन्न हो रही है।
  • ज्यादातर किसानों के पास उपजाऊ भूमि उपलब्ध नहीं है जिसके कारण कृषि के क्षेत्र में किसानों को हानि उठानी पड़ती है।
  • किसानों के पास उच्च गुणवत्ता वाले बीज की कमी होती है जिसके कारण कृषि करने में परेशानियां आती है और किसानों को इच्छा अनुसार बीज प्राप्त नहीं हो पाते हैं।
  • कभी-कभी मौसम की वजह से भी किसानों को कृषि में कठिनाइयां आती है कभी तो वर्ष अधिक हो जाती है और कभी वर्षा बहुत कम होती है जिसके कारण फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है।
  • कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या किट और रोग के कारण आती है यदि समय रहते रोग या किट का उपचार नहीं किया जाता है तो किसान की पूरी फसल नष्ट हो सकती है।
  • कभी-कभी किस को खाद और उर्वरक की मात्रा का ज्ञान नहीं होता है जिसके कारण वह अपने खेत में आवश्यकता से अधिक खाद एवं उर्वरक का प्रयोग कर लेते हैं और उनकी फसल लाभ देने के बजाय हानि देती है।
  • किसानों के द्वारा पैदा की गई फसल में खर्चा बहुत अधिक आता है किंतु बाजार में उनको उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता है जिसके कारण कृषि करने में किसानों को परेशानी आती है।
  • यदि आप अपनी फसल को किसी दूर स्थान पर बेचना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अलग से खर्च करना होता है इसलिए भी कृषि करने में कठिनाइयां आती है।
  • किसानों के पास फसलों को रखने के लिए भंडारण की व्यवस्था नहीं होती है जिसके कारण उनके फैसले बाजार में पहुंचने से पहले ही खराब हो जाती है।
  • यदि किसान बैंकों से लोन लेने के लिए जाते हैं तो वह अधिक ब्याज पर लोन देते हैं या कभी-कभी किसानों को लोन भी नहीं मिल पाता है।
  • कृषि करने के लिए अधिक श्रमिकों की आवश्यकता होती है और कभी-कभी श्रमिक ना मिल पाने के कारण भी कृषि करने में कठिनाइयां आती है।
  • यदि किसान की फसल अच्छी होती है तो कुछ जंगली जानवर आकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा देते हैं इसके कारण किसानों की फसल को नुकसान पहुंचता है।
  • कभी-कभी किसान खेती करते समय चोटिल भी हो जाते हैं और कभी-कभी मृत्यु तक भी हो जाती है फिर भी किसान अपनी जान पर खेल कर खेती-बाड़ी करते हैं।
  • इन सभी परेशानियों को देखते हुए सरकार को कुछ उचित कदम उठाने चाहिए जिसके बाद किसानों को खेती करने में आसानी हो और अधिक पैदावार के साथ अधिक लाभ भी प्राप्त हो।

जैविक खेती से संबंधित FAQ

प्रशन: जैविक खेती की मुख्य विशेषताएं क्या है?

उत्तर: जैविक खेती में कोई भी सिंथेटिक कीटनाशक, शाकनाशी और उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाता है यही इसकी मुख्य विशेषता है. सभी प्रकार के कीटो और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करते हैं.

प्रशन: जैविक खेती की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर:  जैविक खेती की आवश्यकता के अनेकों कारण है जैसे-

  • यह मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है.
  • इससे किसी भी प्रकार से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता है.
  • यह एक टिकाऊ कृषि प्रणाली है.
  • यह जैव विविधता का समर्थन करती है.
  • किसानों को उचित आजीविका प्रदान करती है.
  • जैसे-जैसे ऑर्गेनिक भोजन की मांग बढ़ेगी वैसे-वैसे जैविक खेती की आवश्यकता भी बढ़ती जाएगी।

प्रशन: जैविक खेती के घटक कोन कोन से है?

उत्तर: जैविक खेती के घटक इस प्रकार है –

  • जैविक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है
  • फसलों को घास या फलियां से कवर किया जाता है
  • जैविक उर्वरक का प्रयोग किया जाता है जिसमें पौधे या पशु सामग्री जैसे खाद या हड्डी के भोजन से बनाए जाते हैं.
  • कीट और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए बायोकॉन्ट्रोल एजेंट का प्रयोग किया जाता है
  • जल को बचाने के लिए ड्रिप सिंचाई का प्रयोग किया जाता है

प्रशन: जैविक खेती प्रोजेक्ट क्या है?

उत्तर: जैविक खेती प्रोजेक्ट के अंतर्गत जैविक खेती की पद्धतियों को लागू करने की एक योजना आती है जिसमें फार्म की वर्तमान प्रथाओं, और परियोजनाओं के लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का विवरण दिया होता है।

निष्कर्ष : –

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि जैविक खेती एक टिकाऊ कृषि प्रणाली है जिसके अनेक प्रकार से जैविक खेती के लाभ एवं हानि के साथ साथ पर्यावरण और मनुष्य स्वास्थ्य के लिए अनेकों लाभ है. परंतु इसमें कुछ चुनौतियां भी आती है जैसे अधिक लागत और अधिक मेहनत के बावजूद कम पैदावार होती है.

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हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख में जैविक खेती के लाभ एवं हानि (Organic Farming Advantages And Disadvantages in Hindi) की जानकारी अच्छी लगी होगी अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले अगर आपके कोई प्रशन या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में छोड़ सकते हैं हम जल्द से जल्द आपका रिप्लाई देंगे।

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