लाभदायक कीटों का कृषि में महत्व बहुत अधिक होता है क्योंकि यह हानिकारक कीटों को खाकर उनकी संख्या को कम करते हैं जिसके फल स्वरुप फसलों का उत्पादन बढ़ता है और किसान को अधिक लाभ होता है लेकिन जैसे ही किसान अपने खेत में किसी भी किट को देखा है तो उसे तुरंत खत्म करने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव कर देते है जिसकी वजह से लाभदायक कीट भी मर जाते हैं और उत्पादन कम हो जाता है इसलिए इन कीटों की पहचान होना बहुत आवश्यक है। यह किट किसान के लिए मित्र बनकर फसल उत्पादन में सहायता करते हैं।
फसलों में कई प्रकार के कीट पाए जाते हैं जो कृषि के लिए लाभदायक होते हैं। यदि आपको इन कीटों की पहचान हो जाती है तो आप इनको कभी भी हानि नहीं पहुंचाएंगे और यह आपके फसल उत्पादन को बढ़ाने में भी सहायता करेंगे इसलिए इनको किसानों का मित्र कीट भी कहा जाता है। आईए जानते हैं इन कीटों का कृषि में महत्व और इन मित्र कीट की पहचान कैसे कर सकते हैं।
लाभदायक कीट कौन होते हैं?
लाभदायक किट वह होते हैं जो किसी भी प्रकार से किसान की फसल को नुकसान नहीं पहुंचते हैं और हानिकारक कीट को खाकर ही अपना जीवन यापन करते हैं जिसके कारण किसान की फसल का उत्पादन बढ़ जाता है। दूसरी भाषा में इनको मित्र कीट भी कहते हैं।
कीटों का कृषि में महत्व
कीटों का कृषि में महत्व होता है कीटों के द्वारा कृषि को कई तारीख को से लाभ पहुंचाते हैं यहां कीटों के द्वारा होने वाले लाभ और महत्व को विस्तार से बताया गया है:
- किसान का एक सबसे महत्वपूर्ण मित्र होता है जिसका नाम केंचुआ है केंचुए मिट्टी में रहकर मिट्टी के अंदर छेद करते रहते हैं जिसके कारण मिट्टी में हवा और अपनी अच्छी तरह से अंदर तक जाता है और पौधों को प्राप्त होता है इसलिए केंचुए मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए जाने जाते हैं।
- फसल के विकास के लिए परागण होना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है यदि परागण फसल में नहीं होगा तो कोई भी नया बीज या फूल या पौधा तैयार नहीं हो सकता है।
- परागण कीटों के द्वारा होता है इसलिए परागण करने में कीटों का बहुत अधिक महत्व होता है। कई किट जैसे मधुमक्खी और तितलियां एक फूल से दूसरे फूल पर अमृत लेते समय पराग को एक फूल से दूसरे फूल पर पहुंचा देते हैं जिससे परागण होता है और परागण के बाद फलों और बीजों का निर्माण होता है।
- खेत में कुछ ऐसे कीट भी पाए जाते हैं जो फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खाकर उनकी संख्या को कम कर देते हैं जिसके कारण कृषि में कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
- किट के द्वारा कृषि परिस्थिति तंत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं जिसके कारण एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण तैयार होता है।
- विभिन्न प्रकार के कीट द्वारा हमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन प्राप्त होते हैं जैसे मधुमक्खी के द्वारा शहर और रेशम कीट के द्वारा रेशमी कपड़े बनते हैं।
- गोबर का खटमल अपघटन के द्वारा मृत कार्बनिक पदार्थ को खाकर उन्हें सरल पदार्थ में बदल देता है और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ा देता है।
- लाभदायक कीटों के द्वारा जैविक खेती करना आसान हो जाता है।
- कीटों की गतिविधियों से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
- कीटों की मदद से फसल चक्र अपनाया जा सकता है जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
- कीट के द्वारा मिट्टी में सभी पोषक तत्व का संचार होता रहता है।
- कीटों की सहायता से फसलों की पैदावार अधिक होती है और किसानों को आर्थिक लाभ भी होता है।
- कीटों की उपस्थिति से फसलों की गुणवत्ता में भी सुधार देखा जाता है।
- कुछ कीट फसलों में बीमारियों को रोकने के लिए भी लाभदायक होते हैं।
- कृषि के लिए लाभदायक कीट जलवायु संतुलन में भी योगदान देते हैं।
- कीटों की उपस्थिति स्थाई कृषि प्रणाली या टिकाऊ कृषि प्रणाली के लिए लाभदायक है।
मित्र कीट की पहचान कैसे करें?
खेती-बड़ी करने के लिए मित्र कीट की पहचान करना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह किट फसलों को शत्रु कीटों से बचाने में सहायता करते हैं लेकिन कभी-कभी किसानों को अपने मित्र कीट की पहचान न होने के कारण शत्रु कीटों के साथ मित्र कीट को भी कीटनाशक छिड़कर मार देते हैं जिसके कारण वातावरण और किसान की फसल उत्पादन को बहुत अधिक नुकसान होता है। तो आईए जानते हैं मित्र की टोपी पहचान कैसे करें।
ट्राईकोगामा: यह बहुत छोटे आकार का होता है किंतु यह फसलों के लिए बहुत लाभदायक होता है इनकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि इन्हें आसानी से देख पाना कठिन है। यह एक प्रकार का अंड-परजीवी मित्र कीट होता है जो शत्रु किट के अंडों में अपना अंडा डालकर उन्हें अंडा अवस्था में ही मार देता है।
इसको प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है और इसके बाद इन्हें खेत में छोड़ दिया जाता है इनका जीवन चक्र बहुत छोटा होता है तथा एक फसल अवधि में उनकी अनेक पीडिया पूरी हो जाती है और इनकी संख्या शत्रु किट की तुलना में अनेक गुण बढ़ जाती है तथा शत्रु किट के अंडे को नष्ट कर देती है।
नेबिस: किट एक परभक्षी किट है जो शत्रु कीटों को पकड़ता है और पकड़कर खा जाता है इससे हानिकारक कीटों की संख्या कम हो जाती है। इसकी लंबाई अधिक और चौड़ाई कम होती है इसके ऊपर बड़े-बड़े पंख पाए जाते हैं।
लेडी बर्ड बीटल: यह किट बगीचों में अधिक देखने को मिलता है और यह देखने में रंगीन होता है यह सफेद मक्खी जैसे हानिकारक कीटों को खाकर अपना जीवन यापन करता है।
मन्टिस: इस किट में आगे वाले भाग में अपने शिकारी किट को पकड़ने के लिए हाथ पाए जाते हैं जिसे यह किट पड़कर उन्हें खा जाता है और फसल की सुरक्षा होती है।
लेस विंग्स: इस किट के ऊपर पतले और लंबे पंख पाए जाते हैं यह शत्रु कीटों के लार्वा को कहते हैं और फसल की सुरक्षा करते हैं।
मकड़िया: मैकिया भी फसलों के लिए लाभदायक होती है क्योंकि यह विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीटों को खा जाती है और फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचती है।
ओरियस: यह भी एक लाभदायक परभक्षी किट है जो रस चूसने वाले कीटों को खाता है यह आकार में छोटा होता है।
वास्प: यह किट देखने में मधुमक्खी के जैसा लगता है और कई प्रकार की प्रजातियां मित्र कीट के रूप में कार्य करती रहती है जो शत्रु किट के अंडे, लार्वा, प्यूपा,और व्यस्क को खा जाती है।
ततैया: यह भी एक परभक्षी कीट होता है जिसका रंग पीला होता है इसके पीछे एक डंक भी पाया जाता है जो खतरा दिखाने पर मनुष्य या किसी और प्राणी को मार देता है। यह अभी विभिन्न प्रकार के हानिकारक कीटों को खाकर फसल को लाभ पहुंचता है।
इंद्रगोप भृंगा: इसके ऊपर बड़ा लाल कलर का कवर होता है जिस पर गोल आकार के काले धब्बे पाए जाते हैं यह भी हानिकारक रस चूसने वाले कीटों को खाकर फसल की सुरक्षा करता है।
कीटों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण FAQs
लाभदायक कीट कौन कौन से हैं?
लाभदायक कीटों के नाम इस प्रकार है – रेशम कीट, मधुमक्खी, ततैया, ट्राइकोगामा, रेड लेडी बर्ड विट्ठल, मकड़ी, आदि।
हानिकारक कीटों के नाम बताओ
फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ हानिकारक कीटों के नाम इस प्रकार है – माहू कीट, सफेद गिडार, फल मक्खी, फली छेदक, मिली बग, सफेद मक्खी, रेड माइट्स, लीफ माइनर आदि।
मित्र कीट और शत्रु कीट में अंतर
मित्र किट वह होते हैं जो फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को खाते हैं और शत्रु किट वे होते हैं जो सीधे फसलों को खाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।
दो लाभदायक कीटों के वैज्ञानिक नाम
दो लाभदायक कीटों के वैज्ञानिक नाम इस प्रकार है –
मधुमक्खी – एपिस इंडिका
रेशम कीट – बॉम्बिक्स मोराई
कृषि में कीड़ों का क्या महत्व है?
कृषि में कीड़ों का विशेष महत्व होता है क्योंकि इनके द्वारा खेत की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होती है और हानिकारक कीटो को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
जैसे – मिट्टी में वायु संचार, मिट्टी में जल धारण क्षमता का सुधार, हानिकारक कीटों पर नियंत्रण, फसलों के परागण में सहायता आदि।
इस प्रकार लाभदायक कीटों को बचाकर किसान पर्यावरण के साथ-साथ अपनी फसल उत्पादन में भी सुधार कर सकते हैं यह तरीका जैविक खेती के लिए बहुत अच्छा रहता है। क्योंकि इसमें किसी भी कीटनाशक का प्रयोग के बिना कीट पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
हम आशा करते हैं कि कीटों का कृषि में महत्व क्या है आप जान गए होंगे यदि अभी भी आपके कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और ऐसे ही खेती बाड़ी से संबंधी जानकारी के लिए एग्रीकल्चर ट्री पर दोबारा विजिट जरूर करें।
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