मुर्गी पालन की जानकारी | Poultry Farming In Hindi | Murgi palan 2024: मुर्गी पालन करके आप एक सफल व्यवसाई की शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि इस व्यवसाय में कम खर्च में अधिक कमाई होती है पोल्ट्री फार्म में लोग अंडा और मांस के साथ-साथ अन्य प्रकार पालतू पक्षियों का भी व्यवसाय किया जा सकता है जैसे – बत्तख, टर्की और गीज.
वर्तमान में केवल भारतवर्ष में 50 लाख लोग मुर्गी पालन (Murgi palan) के रोजगार से जुड़े हुए हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप भी पोल्ट्री फार्म बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
इसमें केवल आपको थोड़ी लगन और कड़ी मेहनत से की जरूरत होती है | तो आइए जानते हैं मुर्गी पालन करने की आसान विधि और कमाई को बढ़ाने के अचूक उपाय के बारे में-
विश्व में भारत अंडा उत्पादन में तीसरे स्थान पर आता है और चिकन उत्पादन में पांचवें स्थान पर आता है जिनकी मांग पूरे साल भर बनी रहती है सर्दियों में पोल्ट्री फार्मिंग में अधिक कमाई होती है।
मुर्गी पालन के लाभ (Benefits of Poultry Farming)
मुर्गी पालन (Murgi palan) एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय हैं जिसके कई फायदे हैं कुछ सबसे महत्वपूर्ण लाभ यहां दिए गए हैं:
- मुर्गी पालन कम लागत वाला व्यवसाय है।
- इस व्यवसाय में मुर्गियों और बत्तख, टर्की और गीज पालन एक साथ कर सकते हैं।
- मुर्गियां लगभग 6 महीने में अंडा देना शुरु कर देती है।
- ब्रायलर मुर्गियों को लगभग 6 से 8 सप्ताह की उम्र में मांस के लिए बेचा जा सकता है।
- अंडे, मांस और पंख बाजार में आसानी से बिक जाते हैं।
- मुर्गी पालन से लोगों को रोजगार मिलता है।
- कुकुट खाद को खेत में उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- यह मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन और पोषक तत्वों का एक अच्छा स्त्रोत है।
- यह भोजन की बर्बादी को कम करता है क्योंकि बचा हुआ भोजन मुर्गियों को खिलाया जा सकता है।
- मुर्गियां हानिकारक कीटों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
मुर्गी पालन के नियम (Poultry Farming Rules)
मुर्गी पालन (Murgi palan) में अच्छी कमाई करने के लिए आपको मुर्गी पालन के नियमों को जानना बहुत जरूरी है इसके लिए आपको इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- दो मुर्गी फार्म के बीच में उचित दूरी होनी चाहिए।
- एक कमरे में एक ही ब्रीड रखनी चाहिए।
- मुर्गी फार्म से बाजार की अधिक दूरी नहीं होनी चाहिए।
- बिजली की उचित व्यवस्था रखनी चाहिए।
- पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- मुर्गियों के सैड और बर्तनों की सफाई वीराक्लीन से करनी चाहिए।
- मुर्गी फार्म के आसपास गांव या शहर ज्यादा नजदीक नहीं होना चाहिए।
- जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- फार्म के लिए जरूरी चीजें जैसे चूजे, बायलर दवाइयां, वैक्सीन, आदि आसानी से उपलब्ध हो जानी चाहिए।
मुर्गी फार्म में आवास प्रबंध (Housing Arrangement In Poultry Farm)
मुर्गी फार्म (Murgi palan) में आवास प्रबंध करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |
- मुर्गी फार्म आवास अपनी स्थाई जगह पर करना चाहिए।
- आवास जगह किसी भी प्रकार के रोगों से प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
- फार्म की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- पानी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
- आसपास जंगली जानवर नहीं होने चाहिए।
- शेड का शेड फर्स पक्का बनाना चाहिए।
- शेड की चौड़ाई 30-35 फुट रखनी चाहिए और लंबाई जरूरत के अनुसार रखनी चाहिए।
- शेड की साइड वाली दीवारों की ऊंचाई 8 से 10 फुट होनी चाहिए जबकि बीच की ऊंचाई लगभग 12 से 15 फुट होनी चाहिए।
- फार्म पूर्व से पश्चिम की दिशा में बनाना चाहिए जिससे कि धूप और हवा आवश्यकता अनुसार मिलती रहे।
- 1000 मुर्गी पालने के (Murgi palan) लिए 25 सौ वर्ग फीट का शेड बनाना चाहिए।
मुर्गी पालन के लिए संतुलित आहार (Balanced Diet For Poultry)
मुर्गी पालन (Murgi palan) में अच्छे अंडा उत्पादन और मांस उत्पादन के लिए मुर्गियों को संतुलित आहार की व्यवस्था होनी चाहिए।
अंडा देने वाली मुर्गियों के लिए आहार प्रबंध
स्टार्टर राशन – इस राशन को एक सप्ताह से 8 सप्ताह तक दिया जाता है इसमें प्रोटीन की मात्रा 24 प्रतिशत होती है 1% कैल्शियम और ऊर्जा 2700 – 2800 ME (kcal/kg) होना चाहिए | राशन बनाने के लिए निम्नलिखित तत्वों को शामिल करना चाहिए।
- मक्का – 50 kg
- सोयाबीन मील -16 kg
- खली – 13 kg
- मछली चूरा – 10 kg
- नमक – 1kg
- राइस पॉलिश – 8 kg
- खनिज मिश्रण – 2 kg
इसके अलावा आप सूरजमुखी, तेल, मूंगफली, जो, गेहूं आदि भी दे सकते हैं।
ग्रोवर [वर्धक] राशन – इस राशन को 8 से 20 सप्ताह तक दिया जाना चाहिए इसमें प्रोटीन की मात्रा 18- 20 प्रतिशत होती है 1% कैल्शियम और ऊर्जा 2600 – 2700 ME (kcal/kg) होना चाहिए | राशन बनाने के लिए निम्नलिखित तत्वों को शामिल करना चाहिए।
- मक्का – 45 kg
- सोयाबीन मील -15 kg
- खली – 12 kg
- मछली चूरा – 7 kg
- नमक – 1kg
- राइस पॉलिश – 18 kg
- खनिज मिश्रण – 2 kg
फिनिशर राशन – यह राशन 20 सप्ताह से अधिक आयु वाले मुर्गियों को दिया जाता है जिसमें प्रोटीन की मात्रा 16 – 18 प्रतिशत होती है 3% कैल्शियम और ऊर्जा 2400 – 2600 ME (kcal/kg) होना चाहिए | राशन बनाने के लिए निम्नलिखित तत्वों को शामिल करना चाहिए।
- मक्का – 48 kg
- सोयाबीन मील -15 kg
- खली – 14 kg
- मछली चूरा – 8 kg
- नमक – 1kg
- राइस पॉलिश – 11 kg
- खनिज मिश्रण – 3 kg
इस प्रकार से राशन देने पर अंडा उत्पादन और मास उत्पादन में 20 से 25% की वृद्धि होती है ।
मुर्गियों की नस्लें (Breeds of Chickens)
उत्पत्ति के आधार पर
भूमध्यसागरीय नस्लें – लेगहॉर्न (इटली), एंकोना (स्पेन), मिनोरका (स्पेन),
अमेरिकी नस्लें – रोड आइलैंड रेड (RIR), न्यू हेम्पशायर, प्लीमाथ
एशियाई नस्लें – कड़कनाथ, ब्रह्मा, कोचीन, घाघस, असील, बसरा, लेगशान आदि
उपयोगिता के अनुसार वर्गीकृत मुर्गियों की नस्लें
अंडा उत्पादन – लेगहॉर्न, मिनोर्का, ईशा ब्राउन, स्वर्ण धूमकेतु, लोहमान ब्राउन
मांस उत्पादन – कोचीन, सुसेक्स औप्रिगटन, कार्निस, न्यू हैम्पशायर।
द्विकाजी नस्लें – रोड आयरलैंड, प्लीमाथ, रेड आस्ट्रोलार्म आदि।
मनोरंजक नस्लें – असील, इस नस्ल का प्रयोग मुर्गों की लड़ाई कराने के लिए किया जाता है जिसका मुर्गा लड़ाई में जीत जाता है उसको उचित इनाम दिया जाता है |
सबसे ज्यादा अंडे देने वाली देशी मुर्गी नस्ल (Highest Egg laying Native chicken Breed)
- वाइट कलर होम
- कड़कनाथ मुर्गी
- असील
- ग्राम प्रिय
- नेकेड नैक
- फिज्जल मुर्गा
मुर्गी की प्रमुख नस्लें (Major Breeds of chicken)
- कड़कनाथ नस्ल
- असेल नस्ल
- ग्रामप्रिया नस्ल
- देवेंद्र नस्ल
- स्वरनाथ नस्ल
- कामरूप नस्ल
- को मान
- धन राजा
- गिरिराज
- कैरीगोल्ड
- ग्राम लक्ष्मी
- यमुना
- मृत्युंजय
- हंसली
- पंजाब ब्राउन
मुर्गियों के प्रकार (Types of chickens)
लेयर मुर्गी
लेयर मुर्गी को अंडा उत्पादन के लिए तैयार किया जाता है जिसमें 4 से 5 महीने का समय लगता है उसके बाद यह 1 वर्ष तक अंडे देती रहती है जब यह अंडा देना बंद कर देती है तो इसको मांस के लिए बेच देते हैं।
बॉयलर मुर्गी
इन मुर्गियों को केवल मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है क्योंकि यह अन्य मुर्गों की तुलना में तेजी से बढ़ती है इसके मुर्गा या मुर्गी अंडे से निकलने के बाद 50 ग्राम के होते हैं जो सही दाना खिलाने पर लगभग 2 किलो के हो जाते हैं।
देसी मुर्गी
इस मुर्गी की मांग पूरे साल भर रहती है क्योंकि यह अंडा उत्पादन और मांस उत्पादन दोनों के लिए पाली जाती है इसके मांस और अंडों की गुणवत्ता काफी अच्छी मानी जाती है जिस कारण इसका भाव भी अधिक होता है।
आवश्यक उपकरण खरीदे (Purchase Necessary Equipment)
यदि आप कुक्कुट पालन (Murgi palan) करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अनेक प्रकार के आवश्यक उपकरणों की जरूरत पड़ती है जैसे- पक्षियों के लिए दाना के उपकरण, पानी पीने के उपकरण, शेड तैयार करने व पंखे, हीटर, कूलर, जनरेटर इत्यादि प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है।
मांस और अंडा उत्पादन कैसे बढ़ाएं (Purchase Necessary Equipment)
- पोषक तत्व की सही मात्रा देनी चाहिए।
- पर्याप्त आवास बनाने चाहिए।
- कीट और रोगों का उचित नियंत्रण करना चाहिए।
- टीकाकरण समय पर कराना चाहिए।
- अन्य जानवरों से सुरक्षा करनी चाहिए।
- नियमित पशु चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
- सही नस्लों का चुनाव करना चाहिए।
- सभी नस्लों को अलग-अलग कमरों में रखना चाहिए।
- पानी उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- पंखे और कूलर की व्यवस्था होनी चाहिए।
- अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए कैल्शियम की उचित मात्रा देनी चाहिए।
- मांस उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रोटीन और वसा की उचित मात्रा देनी चाहिए।
- 12 से 14 घंटे प्रकाश देने से मुर्गियों के अंडा उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.
- इसलिए बल्ब और बिजली की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
मुर्गी पालन से संबंधित FAQ
Q. 100 देसी मुर्गी पालने के लिए कितना खर्चा आता है?
Ans. अगर आप सो मुर्गियों से मुर्गी पालन करना चाहते हैं तो आपको तकरीबन 10 से ₹14 हजार रुपए खर्च आता है।
Q. घाघस मुर्गी की जानकारी
Ans. यह नस्ल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पाई जाती है इसके पंख लाल काले सलेटी भूरे रंग के होते हैं और पीले रंग की और लंबी टांगे पाई जाती है।
Q. मुर्गी के बच्चे कहां से ले?
Ans. यदि आप मुर्गी के बच्चे खरीदना चाहते हैं तो आप किसी भी पोल्ट्री फार्म में जाकर बहुत आसानी से कम दाम पर मुर्गी के बच्चे खरीद सकते हैं।
Q. मुर्गी पालन प्रशिक्षण केन्द्र UP
Ans. उत्तर प्रदेश में मुर्गी पालन प्रशिक्षण केन्द्र हर वर्ष सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय एंड प्रौद्योगिकी मेरठ में दिया जाता है।
निष्कर्ष : –
आज आपने मुर्गी पालन की जानकारी | Poultry Farming In Hindi | Murgi palan: जाना मुर्गी पालन कैसे कर सकते हैं हम उम्मीद करते हैं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको मुर्गी पालन का व्यवसाय करने की पूरी जानकारी मिल गई होगी आपका कोई प्रश्न है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में पूछना ना भूले.
और हमारी आप से प्रार्थना है कि इस पोस्ट को अपने प्रिय जनों के साथ जरूर साझा करें क्योंकि देश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है और मुर्गी पालन बेरोजगारी को खत्म करने का एक बेहतरीन व्यवसाय है जिससे वह भी इसका लाभ उठा सके | जय जवान जय किसान [धन्यवाद ]
इन्हें भी पढ़ें: –
देसी मुर्गी पालन अंडा उत्पादन